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मुकदमा दर्ज होने पर कंपनी एलईडी लाइटें लगाने को हुई तैयार

मुकदमा दर्ज होते ही कंपनी नगर निगम क्षेत्र में बची हुई एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने को तैयार हो गई है। कंपनी प्रबंधन ने अर्जी में कहा है कि वह खराब लाइटों को भी जल्द ठीक करा देंगे। नगर निगम ने उनकी अर्जी को शासन को रेफर कर दिया है। कंपनी से कहा है कि वह शासन स्तर से ही काम शुरू की अनुमति लेकर आएं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 08:33 PM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 06:06 AM (IST)
मुकदमा दर्ज होने पर कंपनी एलईडी लाइटें लगाने को हुई तैयार

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : मुकदमा दर्ज होते ही कंपनी नगर निगम क्षेत्र में बची हुई एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने को तैयार हो गई है। कंपनी प्रबंधन ने अर्जी में कहा है कि वह खराब लाइटों को भी जल्द ठीक करा देंगे। नगर निगम ने उनकी अर्जी को शासन को रेफर कर दिया है। कंपनी से कहा है कि वह शासन स्तर से ही काम शुरू की अनुमति लेकर आएं।

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पहले नगर निगम क्षेत्र में सोडियम स्ट्रीट लाइटें लगी हुई थीं। उससे निगम का बिजली बिल भुगतान में काफी खजाना खाली हो रहा था। इस खर्च को कम करने के लिए शासन ने सोडियम लाइटें हटाकर उसकी जगह एलईडी लाइटें लगाने की योजना बनाई थी। वर्ष 2016 में गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र में एलईडी लाइट लगाने का ठेका व्हाइट प्लाकार्ड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को दिया था। कंपनी को 50214 सोडियम लाइटों को एलईडी से परिवर्तित करना था। करार में अनुरक्षण कार्य भी कंपनी के जिम्मे सौंपा गया था। कंपनी ने सोडियम लाइटें हटाकर 48113 एलईडी लाइटें लगाने का दावा किया। निगम द्वारा सत्यापन कराने पर मालूम हुआ कि कंपनी ने 35388 एलईडी लाइटें ही लगवाई हैं। बाकी 12725 एलईडी लाइटें लगाने के बजाए कंपनी ने काम रोक दिया। लाइटों का अनुरक्षण कार्य भी बंद कर दिया। जिससे लाइटें खराब होने के कारण सड़कों पर अंधेरा होने लगा। लग चुकी लाइटों के एवज में कंपनी ने निगम से 3.37 करोड़ रुपये का भुगतान भी ले लिया। इसका काफी विरोध हुआ। निगम बोर्ड बैठक में कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की संस्तुति की गई। नगर आयुक्त ने कंपनी की खराब कार्यशैली के बारे में शासन को अवगत कराते हुए ठेका निरस्त करने की मांग की थी। साथ ही करार के मुताबिक कार्य न करने पर कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने पर व्हाइट प्लाकार्ड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ने नगर निगम में अर्जी दी है कि वह काम करने केा तैयार हैं। नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने बताया कि कंपनी की अर्जी प्राप्त हुई है। उनसे कह दिया गया है कि शासन इस पर निर्णय लेगा। वहीं से काम करने की अनुमति लेकर आएं।


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