टीबी विभाग को मिली डिजिटल एक्स-रे मशीन, नहीं है लगाने की जगह
शासन ने जिला क्षय रोग केंद्र में डिजिटल एक्स-रे मशीन लगाए जाने की अनुमति दे दी है। विभाग की इमारत में मशीन लगाने का स्थान ही नहीं मिल रहा है। जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी ने पुराने जिला महिला अस्पताल में एक कमरा दिए जाने की मांग की है जिससे वहां एक्स-रे मशीन लगाई जा सके। टीबी विभाग का भवन जर्जर हो जाने से अधिकारी नई मशीन लगाने से बच रहे हैं। जिला क्षय रोग विभाग में पिछले दो साल से एक्स-रे टेक्नीशियन तैनात हैं लेकिन विभाग के पास अपनी एक्स-रे मशीन पिछले करीब पंद्रह वर्ष से खराब है। अस्पताल के टेक्नीशियन एमएमजी अस्पताल में सामान्य मरीजों का एक्स-रे कर रहे हैं जबकि वेतन का भुगतान क्षय रोग केंद्र से हो रहा है। एमएमजी में मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण मरीजों को काफी इंतजार करना पड़ता था। इसलिए क्षय रोग विभाग ने फिर से अपने विभाग में ही एक्स-रे मशीन लगवाने के लिए शासन से मांग की। शासन ने स्वीकृति दे दी है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : शासन ने जिला क्षय रोग केंद्र में डिजिटल एक्स-रे मशीन लगाए जाने की अनुमति दे दी है। विभाग की इमारत में मशीन लगाने का स्थान ही नहीं मिल रहा है। जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी ने पुराने जिला महिला अस्पताल में एक कमरा दिए जाने की मांग की है, जिससे वहां एक्स-रे मशीन लगाई जा सके। टीबी विभाग का भवन जर्जर हो जाने से अधिकारी नई मशीन लगाने से बच रहे हैं।
जिला क्षय रोग विभाग में पिछले दो साल से एक्स-रे टेक्नीशियन तैनात हैं, लेकिन विभाग के पास अपनी एक्स-रे मशीन पिछले करीब पंद्रह वर्ष से खराब है। अस्पताल के टेक्नीशियन एमएमजी अस्पताल में सामान्य मरीजों का एक्स-रे कर रहे हैं, जबकि वेतन का भुगतान क्षय रोग केंद्र से हो रहा है। एमएमजी में मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण मरीजों को काफी इंतजार करना पड़ता था। इसलिए क्षय रोग विभाग ने फिर से अपने विभाग में ही एक्स-रे मशीन लगवाने के लिए शासन से मांग की। शासन ने स्वीकृति दे दी है। एक्स-रे मशीन लगाने के लिए नहीं है जगह
जिला क्षय रोग केंद्र भवन का निर्माण 1956 में हुआ था। मानक के अनुसार यह इमारत तोड़कर दोबारा बनाई जानी है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों इमारत का निरीक्षण भी कर लिया है। ऐसे में पुरानी इमारत में नई मशीन नहीं लगाई जा सकती। डिजीटल एक्स-रे मशीन लगाने के लिए इमारत में पर्याप्त स्थान और सुविधाएं भी नहीं हैं। इसलिए जिला एमएमजी अस्पताल के सीएमएस को पत्र लिखकर पुराने जिला महिला अस्पताल में मशीन लगाने के लिए कमरा आवंटित करने का आग्रह किया गया है। वहां कमरा आवंटित होने के बाद मशीन को मानकों को अनुसार इंस्टॉल किया जाएगा।
डॉ. जेपी श्रीवास्तव, जिला क्षय रोग अधिकारी