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2023 तक रैपिड रेल के निर्माण का लक्ष्य

दिल्ली मेरठ रैपिड रेल (हाईस्पीड ट्रेन) के निर्माण में जल्द ही और तेजी आनी शुरू हो जाएगी। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनसीआरटीसी) का लक्ष्य है कि हाईस्पीड का निर्माण डेड लाइन से एक साल पूर्व 2023 में ही पूरा कर लिया जाए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 07:19 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:04 AM (IST)
2023 तक रैपिड रेल के निर्माण का लक्ष्य

सौरभ पांडेय, साहिबाबाद गाजियाबाद): दिल्ली मेरठ रैपिड रेल (हाईस्पीड ट्रेन) के निर्माण में जल्द ही और तेजी आनी शुरू हो जाएगी। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनसीआरटीसी) का लक्ष्य है कि हाईस्पीड ट्रेन का निर्माण डेड लाइन से एक साल पूर्व 2023 में ही पूरा कर लिया जाए। इसके लिए अब वसुंधरा में बने कास्टिग यार्ड को और बड़ा किया जा रहा है। आवास विकास परिषद से जमीन मिलते ही यार्ड बड़ा हो जाएगा। दिल्ली मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर से दिल्ली और मेरठ के बीच का सफर बेहद आसान हो जाएगा। कोरिडोर का काम गाजियाबाद में शुरू हो चुका है। हाईस्पीड ट्रेन के रूट में कुल 15 स्टेशन बनेंगे, जिनमें से सात गाजियाबाद में हैं। कॉरिडोर के साहिबाबाद से गाजियाबाद तक के हिस्से का काम तेजी से किया जा रहा है। एनसीआरटीसी ने वसुंधरा में 86 हजार वर्गमीटर जमीन पर अपना कास्टिग यार्ड बना दिया है। अब 36 हजार वर्गमीटर जमीन की और मांग की गई है। ऐसे में अब कुल 1.22 लाख वर्गमीटर जमीन पर यह यार्ड तैयार होगा। पिलरों को आपस में जोड़ने के लिए प्री फेब्रिकेटिड तकनीक से बनी वायाडक्ट का निर्माण इस यार्ड में किया जाएगा। यार्ड में बनी वायाडक्ट को बनाकर सीधे पिलरों के बीच फिट कर एलिवेटेड ट्रैक तैयार किया जाएगा।

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2024 नहीं 2023 रहेगा निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य: गाजियाबाद में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर उत्तर और मोदीनगर दक्षिण स्टेशन बनाए जाएंगे। एनसीआरटीसी ने हाईस्पीड कॉरिडोर का निर्माण पूरा करने के लिए 2024 तक निर्माण पूरा करने की डेडलाइन रखी है। हालांकि केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट होने के चलते एनसीआरटीसी इसे एक साल पूर्व ही पूरा करने की योजना बना रहा है। अधिकारियों का दावा है कि दिसंबर 2023 में इसे पूरा करने के लिए यार्ड को बड़ा किया जा रहा है।

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जंक्शन बनने के बाद पूरे एनसीआर से जुड़ेगा गाजियाबाद: वसुंधरा लाल बत्ती के पास ही हाईस्पीड ट्रेन, मेट्रो और यूपी रोडवेज का एक संयुक्त जंक्शन बनाया जाएगा। हाईस्पीड ट्रेन के स्टेशन से बाहर निकलने बिना यात्री स्काई वॉक के जरिए सीधे मेट्रो स्टेशन और साथ ही रोडवेज के साहिबाबाद डिपो में भी प्रवेश कर सकेंगे। आने वाले समय में यह एनसीआर का सबसे बड़ा जंक्शन बनेगा। गाजियाबाद के लोग इस जंक्शन से न सिर्फ मेरठ बल्कि ग्रेटर नोएडा, नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम और पश्चिमी यूपी के अन्य स्थानों से भी जुड़ जाएंगे।

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रैपिड रेल के लिए यार्ड के लिए अतिरिक्त जमीन मांगी जा रही है। सेक्टर आठ में 36 हजार वर्गमीटर अतिरिक्त जमीन की मांग की गई है। मुख्यालय से अनुमति मिलने के बाद जमीन को एनसीआरटीसी के सुपुर्द कर दिया जाएगा।- अतुल कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता आवास विकास परिषद

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हाईस्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट एक नजर में

रूट: दिल्ली से मेरठ

कुल दूरी: 82.15 किलोमीटर

प्रोजेक्ट डेडलाइन: 2024

लागत: 30274 करोड़ रुपये लगभग

दिल्ली से मेरठ पहुंचने में लगेगा समय: एक घंटा

पहला चरण: साहिबाबाद से दुहाई 17 किलोमीटर


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