तालियों और थालियों की आवाज ने दिखाई एकता
ट्रांस हिडन में जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए लोगों ने अनेकता में एकता का परिचय दिया और घरों से बाहर नहीं निकले। रविवार सुबह से ही पार्क सड़कें बाजार धार्मिक स्थल सहित भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। ऐसे स्थान जहां पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहते हैं वहां पर एक भी व्यक्ति नजर नहीं आया। शाम पांच बजे लोगों ने घर के दरवाजे बालकनी पर खड़े होकर ताली थाली शंख और घंटियां बजाई। इस लम्हे के फोटो को मोबाइल कैमरे से खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल किया और देशसेवा में जुटे योद्धाओं के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि अपनी जान जोखिम में डालकर योद्धा देशसेवा के लिए कर्तव्य पथ पर डटे रहे।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद: ट्रांस हिडन में जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए लोगों ने अनेकता में एकता का परिचय दिया और घरों से बाहर नहीं निकले। रविवार सुबह से ही पार्क, सड़कें, बाजार, धार्मिक स्थल सहित भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। ऐसे स्थान जहां पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहते हैं, वहां पर एक भी व्यक्ति नजर नहीं आया। शाम पांच बजे लोगों ने घर के दरवाजे, बालकनी पर खड़े होकर ताली, थाली, शंख और घंटियां बजाई। इस लम्हे के फोटो को मोबाइल कैमरे से खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल किया और देशसेवा में जुटे योद्धाओं के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि अपनी जान जोखिम में डालकर योद्धा देशसेवा के लिए कर्तव्य पथ पर डटे रहे। पार्कों का हाल: ट्रांस हिडन के मुख्य पार्कों में से एक स्वर्ण जयंती पार्क है। यहां पर सुबह होते ही बच्चे, युवा और बुजुर्ग सैर करने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन रविवार को यहां पर सुबह से ही सन्नाटा रहा। यहां पर सैर करने के लिए लोग नहीं पहुंचे। यही हाल वसुंधरा सेक्टर एक स्थित चंद्रशेखर आजाद, राजेंद्र नगर स्थित डॉक्टर राम मनोहर लोहिया पार्क में भी लोग नहीं पहुंचे। देर शाम तक यहां पर सन्नाटा रहा जबकि आम दिनों में इन पार्कों में भीड़ लगी रहती है। गलियों से लेकर मुख्य सड़कों पर रहा सन्नाटा: ट्रांस हिडन में इंदिरापुरम, वसुंधरा, साहिबाबाद, तुलसी निकेतन, श्याम पार्क एक्सटेंशन, डेल्टा कॉलोनी सहित सभी क्षेत्रों की गलियों सूनी रहीं। न केवल गलियों बल्कि आम दिनों में सबसे व्यस्त रहने वाली जीटी रोड, लिक रोड, सीआइएसएफ रोड, एलिवेटेड रोड, एनएच 24 पर भी सन्नाटा रहा। बाजारों में बंद रहीं दुकानें: जनता कर्फ्यू के दौरान बाजारों में दुकानें बंद रहीं। लोगों की जरूरत के लिए दवाई, दूध, सब्जी की दुकानें खुली रहीं। हालांकि कुछ क्षेत्रों में ग्राहकों की संख्या कम होने के कारण दोपहर होने के बाद दुकानों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। लोगों ने सुबह और शाम के वक्त कुछ स्थानों पर जाकर दूध और दवाओं की खरीदारी भी की तो कुछ लोगों ने कॉल कर सोसायटी में ही सामान मंगवाया, खुद सोसायटी से बाहर नहीं आए। सोसायटियों में रहा प्रवेश बंद: रविवार को ट्रांस हिडन में लगभग सभी सोसायटियों के दरवाजे बंद रहे। बाहर से आने वाले व्यक्तियों को सोसायटी में प्रवेश नहीं दिया गया। सोसायटी में रहने वाले लोगों को बाहर नहीं जाने दिया गया। कुछ लोगों ने सोसायटी से बाहर जाने की कोशिश की तो आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों ने उनको घर वापस भेज दिया। शाम पांच बजे एक साथ बजी तालियां-थालियां: जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के साथ ही देशसेवा में जुटे योद्धाओं का अभिवादन करने के लिए भी लोग उत्साहित नजर आए। दिन में अलग अलग सोसायटियों में कई बार ताली और थाली भी बजाई गई लेकिन शाम पांच बजे ट्रांस हिडन की सभी सोसायटियों, कॉलोनियों और गांवों में लोग अपने घर के दरवाजे और बालकनी में खड़े होकर तालियां, थालियां, शंख बजाना शुरू कर दिया। करीब पांच-दस मिनट तक लोग ऐसा करते रहे। इस दौरान नारेबाजी भी की गई। गो कोरोना गो और डॉक्टर्स की जय हो, कोरोना का नाश हो जैसे नारे लगाए गए।