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कोरोना को रोकने के सफल अनुभव से नए स्ट्रेन की चुनौतियां आसान: डॉ. अजय शंकर पांडेय

2020 में मार्च माह से कोरोना संक्रमण के मामले प्रकाश में आने शुरू हुए और अब तक रोजाना नए

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Dec 2020 07:00 PM (IST)Updated: Sun, 27 Dec 2020 07:00 PM (IST)
कोरोना को रोकने के सफल अनुभव से नए स्ट्रेन की  
चुनौतियां आसान: डॉ. अजय शंकर पांडेय
कोरोना को रोकने के सफल अनुभव से नए स्ट्रेन की चुनौतियां आसान: डॉ. अजय शंकर पांडेय

2020 में मार्च माह से कोरोना संक्रमण के मामले प्रकाश में आने शुरू हुए और अब तक रोजाना नए केस आ रहे हैं। कोरोना का नया स्ट्रेन चुनौती है, जनपद में ब्रिटेन से आए लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। दूसरी तरफ कोरोना वैक्सीन भी जल्द ही आने वाली है। नए स्ट्रेन को रोकने और वैक्सीनेशन को लेकर प्रशासन की तैयारियों को लेकर दैनिक जागरण के अभिषेक सिंह गाजियाबाद के जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पांडेय से विस्तार से चर्चा की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश..

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डॉ. अजय शंकर पांडेय वर्ष 2005 बैच के आइएएस अफसर हैं। वह मूलरूप से प्रयागराज के रहने वाले हैं। उनके पिता राम प्रकाश पांडेय जिला जज थे, उनके स्थानांतरण के चलते अजय शंकर पढ़ाई-लिखाई अगल-अलग जिलों में हुई। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक व परास्नातक की पढ़ाई की। दो वर्ष तक असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में शिक्षण कार्य करते रहे। वर्ष 1987 में वह पीसीएस अफसर बने और कई जिलों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे, नौकरी में रहते हुए ही उन्होंने पीएचडी पूरी की। वर्ष 2012 में वह आइएएस अफसर बने। बाद में उन्हें मुजफ्फरनगर का डीएम बनाया गया और यहां से उनका तबादला गाजियाबाद जिलाधिकारी के पद पर हुआ। अजय शंकर पांडेय नौ भाई-बहन हैं, इनमें से छह भाई-बहन आइएएस हैं। अजय शंकर की पत्नी डॉ. सीमा पांडेय फिजिक्स की प्रोफेसर हैं। अजय शंकर के दो बेटे डॉ. कनिष्क और मिलेंद हैं। कनिष्क स्पोर्टस रिसर्चर हैं और मिलेंद पीएचडी कर रहे हैं। अजय शंकर खाली समय में पढ़ने लिखने का शौक रखते हैं। वह चार किताबें भी लिख चुके हैं।

नए साल में कोरोना का नया स्ट्रेन चुनौती है, प्रशासन की क्या तैयारी है?

कोरोना वायरस न केवल स्वास्थ्य विभाग बल्कि प्रशासन के लिए भी नई चुनौती था। अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया। ज्यादा से ज्यादा लोगों का कोरोना टेस्ट करवाया गया। उनके संपर्क में आने वालों की स्क्रीनिग की गई। जिसका नतीजा रहा कि हम कोरोना वायरस के संक्रमण को तेजी से फैलने में रोकने में कामयाब रहे हैं। संक्रमितों की संख्या लगातार कम हो रही है। कोरोना को रोकने के सफल अनुभव से अब नए स्ट्रेन जैसी चुनौतियां आसान हो गई हैं। जनता जागरूक है और स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह तैयार है। वैक्सीनेशन को लेकर क्या तैयारी है, आम लोगों को कैसे लाभ मिलेगा?

वैक्सीनेशन को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है। उम्मीद है कि अगले माह से जनपद में वैक्सीनेशन का काम शुरू हो जाएगा। सर्वप्रथम स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना से बचाव का टीका लगाया जाएगा। उनकी सूची तैयार कर पोर्टल पर अपलोड कर दी गई है। इसके बाद ऐसे लोग जिनकी उम्र 50 साल से अधिक हैं और बीमार हैं, उनको टीका लगवाया जाएगा। वैक्सीन के रखरखाव से लेकर उसे टीकाकरण के लिए चिह्नित 103 स्थलों तक ले जाने की तैयारी कर ली गई है। आंदोलन कर रहे किसान एक्सप्रेस वे की सभी लेन बंद कर देते हैं, उन्हें कैसे रोका जाएगा?

यूपी गेट पर किसान आंदोलन चल रहा है। जनपद में बाहर से किसान आ चुके हैं। किसानों की सुरक्षा और उनको बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए उचित प्रबंध किए गए हैं। आंदोलन के दौरान किसान दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे की सभी लेन बंद न करें, यह सुनिश्चित किया जाएगा। जिससे कि बड़ी संख्या में लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। धरने पर बैठे किसानों की एक समिति भी बनी है। जिसके पदाधिकारी लगातार संपर्क में हैं। प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है, रोकने के लिए क्या योजना है?

प्रदूषण एक जिले की समस्या नहीं है, इसकी वजह से कई जिले और प्रदेश के लोग प्रभावित हैं। प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली-एनसीआर लेवल पर प्लानिग कर एक सामूहिक नीति बनानी होगी। ई-वेस्ट का निस्तारण करने की कोई व्यवस्था नहीं है। स्मार्ट सिटी योजना में ई-वेस्ट डिस्पोजल प्लांट बनाने की तैयारी है। जिससे कि ई-कचरा जलाने पर रोक लग सके। प्रदूषण के साथ ही जाम भी गाजियाबाद की बड़ी समस्या है, कब तक छुटकारा मिलेगा?

सही बात है, दोनों समस्याओं से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हैं। नए साल में गाजियाबाद के लोगों को जाम और प्रदूषण की समस्या से छुटकारा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। लंबे समय से दोनों समस्याएं बनी हुई हैं, जिनको अब खत्म करने के लिए सख्त कदम भी उठाए जाएंगे।


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