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नेहरू युवा केंद्र के वालेंटियर्स को एनडीआरएफ करेगी प्रशिक्षित

एनडीआरएफ(नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स) और एसडीआरएफ(स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स) के बाद अब हर जिले में नेहरू युवा केंद्र(एनवाइके) के वालेंटियर्स आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्य के लिए मौजूद रहेंगे। इन्हें एनडीआरएफ बटालियन में सभी उपकरणों के साथ प्रशिक्षण दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 05:09 PM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 06:28 AM (IST)
नेहरू युवा केंद्र के वालेंटियर्स को एनडीआरएफ करेगी प्रशिक्षित

आयुष गंगवार, गाजियाबाद: एनडीआरएफ(नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स) और एसडीआरएफ(स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स) के बाद अब हर जिले में नेहरू युवा केंद्र(एनवाइके) के वालेंटियर्स आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्य के लिए मौजूद रहेंगे। इन्हें एनडीआरएफ बटालियन में सभी उपकरणों के साथ प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशेष ट्रेनिग के बाद वालेंटियर्स एनडीआरएफ के पहुंचने तक प्राथमिक बचाव कार्य दक्षता के साथ कर पाएंगे। पूरे देश में एनडीआरएफ की सभी 16 बटालियन में इस योजना को लागू किया जाएगा। युवा मामले और खेल राज्य मंत्री किरेन रिजिजू 19 अगस्त को गाजियाबाद में कमला नेहरूनगर स्थित आठवीं बटालियन एनडीआरएफ से इसका शुभारंभ करेंगे। छह दिन की विशेष ट्रेनिग मिलेगी

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आठवीं बटालियन एनडीआरएफ के कमांडेंट पीके श्रीवास्तव ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने यह योजना बनाई है। कहीं भी आपदा होती है तो एनडीआरएफ को पहुंचने में समय लगता है। आपदा के समय स्थानीय लोग सबसे पहले मौके पर पहुंचते हैं। ऐसा देखा गया है कि एनडीआरएफ के दूर होने के कारण बचाव कार्य में देरी हुई। ऐसे में लोगों की जान को जोखिम बढ़ जाता है। एनवाइके वालेंटियर्स को एनडीआरएफ की ओर से छह दिन की विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। आठवीं बटालियन में 19 अगस्त से बैच शुरू कर दिए जाएंगे। एक बैच में 60 वालेंटियर्स को ही रखा जाएगा ताकि प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनी रहे। सभी तरह का मिलेगा प्रशिक्षण

पीके श्रीवास्तव ने बताया कि वालेंटियर्स को सभी तरह की आपदा में राहत एवं बचाव कार्य करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें कोलैप्स्ड स्ट्रक्चर सर्च एंड रेस्क्यू यानी की भूकंप, फ्लड वाटर रेस्क्यू यानी कि बाढ़ के साथ मेडिकल फ‌र्स्ट रेस्पॉन्डर के रूप में भी प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि घायलों को प्राथमिक उपचार भी दिया जा सके। वालेंटियर्स को सीबीआरएन(केमिकल बायोलॉजिकल रेडियोलॉजिकल एंड न्यूक्लियर) यानी केमिकल की आग का प्रशिक्षण नहीं दिया जाएगा, क्योंकि इस तरह की आग को विशेष रूप से प्रशिक्षित विशेषज्ञ ही बुझा सकते हैं। साथ ही इस आग को बुझाने के लिए जिन उपकरण व संसाधनों की जरूरत होती है, वो वालेंटियर्स के पास नहीं हैं। एनडीआरएफ की 12 बटालियन 19 अगस्त से यह प्रशिक्षण देंगी। चार बटालियन का काम भी अंतिम चरण में है। शुरू होने के बाद वह भी प्रशिक्षण देना शुरू कर देंगी। हर जिले में प्रशिक्षित वालेंटियर्स आपदा के समय जल्दी पहुंचेंगे। इससे राहत एवं बचाव कार्य में तेजी आएगी।

- पीके श्रीवास्तव, कमांडेंट, आठवीं बटालियन एनडीआरएफ।


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