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आध्यात्मिक गुरु के जीवन ने कराया अध्यात्म की ऊंचाइयों का दर्शन

किताबों में ज्ञान का अपार भंडार छुपा है। जितने पन्ने पलटेंगे उतना बौद्धिक विकास होता चला जाएगा। वर्तमान में रायपुर की कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति एवं नेशनल बुक ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन बलदेव भाई शर्मा ने इसी सिद्धांत पर चलते हुए लॉकडाउन के दिनों में अपनी जिम्मेदारियों को ऑनलाइन निपटाने के साथ आध्यात्मिक गुरु पद्मभूषण श्री एम की किताब हिमालयवासी गुरु के साये में-एक योगी का आत्मचरित पढ़ी है। वह बताते हैं कि श्री एम की लिखी यह पुस्तक उनके आध्यात्मिक अनुभवों व योग साधना पर केंद्रित है। यह पुस्तक अध्यात्म की ऊंचाईयों के दर्शन कराती है। पुस्तक में श्री एम बताते हैं उनके गुरु महेश्वरनाथ बाबाजी की आध्यात्मिक ताकत इतनी थी कि दूसरे लोक के प्राणी उनके पास समाधान के लिए आते थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2020 06:58 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 06:01 AM (IST)
आध्यात्मिक गुरु के जीवन ने कराया अध्यात्म की ऊंचाइयों का दर्शन
आध्यात्मिक गुरु के जीवन ने कराया अध्यात्म की ऊंचाइयों का दर्शन

आशीष गुप्ता, गाजियाबाद

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किताबों में ज्ञान का अपार भंडार छुपा है। जितने पन्ने पलटेंगे, उतना बौद्धिक विकास होता चला जाएगा। वर्तमान में रायपुर की कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति एवं नेशनल बुक ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन बलदेव भाई शर्मा ने इसी सिद्धांत पर चलते हुए लॉकडाउन के दिनों में अपनी जिम्मेदारियों को ऑनलाइन निपटाने के साथ आध्यात्मिक गुरु पद्मभूषण श्री एम की किताब हिमालयवासी गुरु के साये में-एक योगी का आत्मचरित पढ़ी है। वह बताते हैं कि श्री एम की लिखी यह पुस्तक उनके आध्यात्मिक अनुभवों व योग साधना पर केंद्रित है। यह पुस्तक अध्यात्म की ऊंचाइयों के दर्शन कराती है। पुस्तक में श्री एम बताते हैं उनके गुरु महेश्वरनाथ बाबाजी की आध्यात्मिक ताकत इतनी थी कि दूसरे लोक के प्राणी उनके पास समाधान के लिए आते थे।

बलदेव भाई शर्मा राजनगर एक्सटेंशन में अजनारा इंटीग्रिटी सोसायटी में रहते हैं। वह घर से ही विश्वविद्यालय के प्रति अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए सभी विभागाध्यक्षों से वार्ता करते हैं। ऑनलाइन टीचिग, छात्रों के लिए प्रेरक योजनाएं बनाना और प्रशासकीय काम निपटा रहे हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में आध्यात्मिक गुरु श्री एम की लिखी पुस्तक पढ़ने का मौका मिला। यह पुस्तक काफी वर्ष पहले आई थी। उन्होंने बताया कि व्यस्तता ज्यादा होने के चलते इसे पढ़ नहीं पाए थे। उनके अनुसार पुस्तक में श्री एम ने हिमालय के गहन क्षेत्रों व गुफाओं में अपने गुरु के साथ बिताए समय की रोचक और प्रेरणादायक यात्रा का वर्णन किया है। इसमें गुरु से मिलने आए सर्प लोक के उपनायक नागराज का प्रसंग है। जिसके बारे में लेखक ने लिखा है कि उनके अध्यात्म में कई ऐसे प्रसंग हुए जिस पर लोगों को सहज विश्वास नहीं होता, लेकिन वह सत्य हैं। उन्होंने बताया कि श्री एम मुस्लिम हैं। योग और अध्यात्म का रास्ता अपनाने की उनकी कहानी रोचक है।


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