'दिल्ली बॉर्डर सील करने से व्यापारिक गतिविधियों को झटका'
व्यापारिक गतिविधियां शुरू होने से पहले दिल्ली बॉर्डर सील करने के डीएम के आदेश से व्यापारियों को झटका लगा है। उनका कहना है कि सारा माल दिल्ली से ही आता है। इस तरह की रोकटोक रही तो दुकानों में बिक्री के लिए ग्राहकों की मांग अनुरूप माल नहीं आ पाएगा। ऐसे में इजाजत के बावजूद व्यापार नहीं कर पाएंगे।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : व्यापारिक गतिविधियां शुरू होने से पहले दिल्ली बॉर्डर सील करने के डीएम के आदेश से व्यापारियों को झटका लगा है। उनका कहना है कि सारा माल दिल्ली से ही आता है। इस तरह की रोकटोक रही तो दुकानों में बिक्री के लिए ग्राहकों की मांग के अनुरूप माल नहीं आ पाएगा। ऐसे में इजाजत के बावजूद व्यापार नहीं कर पाएंगे।
तुराबनगर बाजार में कपड़े, होजरी और सौंदर्य प्रसाधन की दुकानें सबसे ज्यादा हैं। यहां के व्यापारियों ने बताया कि ज्यादातर दुकानों में करोलबाग, सदर बाजार, चांदनी चौक, टैंक रोड, गांधी नगर, वजीराबाद औद्योगिक क्षेत्र समेत दिल्ली के विभिन्न इलाकों से माल लाया जाता है। कई बड़े ब्रांड के दफ्तर दिल्ली में ही हैं। ऐसे में व्यापारी आर्डर देने के लिए उनके दफ्तर जाते हैं। फिर वहां से माल आता है। लहंगे, साड़ी, सूट, कुर्ता-पायजामा, जींस, बच्चों के कपड़े दिल्ली से बेचने के लिए यहां लाए जाते हैं। इलेक्ट्रॉनिक आइटम, खिलौने, स्पोर्ट्स ड्रेस, स्पोर्ट्स इक्विपमेंट भी बिक्री के लिए दिल्ली से लाए जाते हैं। व्यापारियों का कहना है कि दो महीने से उनकी दुकानें बंद हैं। काफी कुछ माल दिल्ली से मंगाना था। उससे पहले डीए ने गाजियाबाद-दिल्ली सीमा सील करने का आदेश जारी कर दिया है। व्यापारियों का कहना है कि पूरा देश पटरी पर लौटने का प्रयास कर रहा है। दिल्ली में सारे उद्योग-व्यापार शुरू हो चुके हैं। ऐसे में बॉर्डर सील करने का आदेश व्यापारिक गतिविधियों में रोक से ज्यादा कुछ नहीं। इससे यह होगा कि दुकानें तो खुलेंगी, लेकिन ग्राहकों को बेचने के लिए उनके पास माल नहीं होगा। व्यापारिक गतिविधियों को शुरू करने की इजाजत दी जा चुकी है। ऐसा करने के बाद दिल्ली-गाजियाबाद की सीमा को सील करना उचित नहीं है। इससे व्यापार प्रभावित होगा। व्यापारी अपनी दुकानों पर बेचने के लिए दिल्ली से माल नहीं मंगवा पाएंगे। बॉर्डर सील करने का निर्णय वापस लेना चाहिए।
- अनिल अग्रवाल सांवरिया, गाजियाबाद कपड़ा व्यापार संघ
दिल्ली-गाजियाबाद सीमा को सील करने का अब कोई औचित्य नहीं है। इस कदम से सबसे ज्यादा बुरा असर व्यापारिक गतिविधियों पर पड़ेगा। एक तरफ मार्केट खुलेंगी। दूसरी तरफ लोगों के पास बेचने के लिए ग्राहकों की मांग अनुरूप माल नहीं होगा। ज्यादातर माल दिल्ली से ही आता है।
- रजनीश बंसल, जिला प्रभारी, उद्योग व्यापार मंडल