अधूरे निर्माण को सील किया, बन गई पांच मंजिला इमारत
बारिश के दौरान अवैध रूप से बनी इमारतों के गिरने के बाद अवैध निर्माण के खिलाफ चला आवास विकास परिषद आविप का अभियान ठंडे बस्ते में दिखाई दे रहा है। इसका लाभ वसुंधरा और इंदिरापुरम के बिल्डरों ने उठाना शुरू कर दिया है। आलम यह है कि वसुंधरा सेक्टर 11 में कुछ समय पहले सील की गई इमारत में बिल्डर धड़ल्ले से काम करता रहा। अब इमारत का काम लगभग पूरा होने को है। लोगों ने इसकी शिकायत आवास विकास परिषद के अधिकारियों से की है।
जागरण संवाददाता, वसुंधरा: बारिश के दौरान अवैध रूप से बनी इमारतों के गिरने के बाद अवैध निर्माण के खिलाफ चला आवास विकास परिषद आविप का अभियान ठंडे बस्ते में दिखाई दे रहा है। इसका लाभ वसुंधरा और इंदिरापुरम के बिल्डरों ने उठाना शुरू कर दिया है। आलम यह है कि वसुंधरा सेक्टर 11 में कुछ समय पहले सील की गई इमारत में बिल्डर धड़ल्ले से काम करता रहा। अब इमारत का काम लगभग पूरा होने को है। लोगों ने इसकी शिकायत आवास विकास परिषद के अधिकारियों से की है।
करीब दो माह पहले आवास आयुक्त की ओर से सख्ती के बाद अवैध निर्माण पर कार्रवाई की गई थी। इसके बाद परिषद ने यह दावा किया कि वसुंधरा में अवैध निर्माण पूरी तरह बंद करवा दिया गया है। ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में अवैध इमारतें गिरने के बाद भी परिषद ने कोई कार्रवाई नहीं की। चिरोड़ी लोनी निवासी अमरीश कुमार के अनुसार वसुंधरा सेक्टर 11 में परिषद ने अप्रैल माह में एक प्लॉट पर हो रहे अवैध निर्माण को सील किया था। सील होने के बाद बिल्डर ने अधिकारियों से सांठगांठ की और काम जारी रहा। अब इमारत का काम लगभग पूरा होने को है। उधर, परिषद अधिकारियों का कहना है कि पुलिसबल नहीं मिलने के चलते वह कार्रवाई करने में असमर्थ हैं। इसका सीधा फायदा बिल्डर उठा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो कुछ अधिकारियों से सांठ गांठ कर अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है।
सेक्टर एक से 19 तक हो रहा अवैध निर्माण: आवास विकास परिषद की वसुंधरा योजना के सेक्टर एक, दो और तीन में सबसे अधिक अवैध निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा सेक्टर पांच, छह, दस, ग्यारह, पंद्रह, सोलह और 19 में भी अवैध निर्माण जारी है। बिल्डर यहां फ्लैट बनाकर बेच रहे हैं। हालांकि परिषद अधिकारी अपील कर रहे हैं कि वसुंधरा में कोई भी फ्लैट खरीदने से पहले नक्शे की जांच जरूर कर लें।
यह हैं एकल यूनिट पर निर्माण के नियम: आवास विकास परिषद के नियमों के अनुसार दो मंजिला और तीसरी मंजिल पर आधा निर्माण किया जा सकता है। इसके अलावा नक्शे के अनुसार ही निर्माण किया जाता है। हालांकि बिल्डर सभी नियमों को ताक पर रखकर चार-पांच मंजिल निर्माण कर रहे हैं। आविप ने बीते तीन माह में करीब दो सौ अवैध निर्माणों को चिह्नित किया है। अधिकारियों का कहना है कि फोर्स मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल इमारत पर निर्माण रुकवा दिया गया है। एफआइआर करवाने के लिए इंदिरापुरम पुलिस को शिकायत दी गई है। पुलिसबल मिलते ही अवैध निर्माण ध्वस्त और सी¨लग की कार्रवाई की जाएगी। लोगों से अपील की जा रही है कि वे नक्शे की जांच कर ही फ्लैट खरीदें।- अतुल कुमार ¨सह, अधिशासी अभियंता