Move to Jagran APP

आदेश के बावजूद आवंटी को पैसा न लौटाने पर बिल्डर के खिलाफ आरसी होगी जारी

आदेश के बावजूद आवंटी को ब्याज समेत जमा धनराशि न लौटाने पर उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी-रेरा) ने एसवीपी बिल्डर्स इंडिया प्राइवेट के खिलाफ आरसी (वसूली प्रमाण पत्र) जारी करने के लिए डीएम को पत्र भेजा है। उसमें रेरा सचिव अबरार अहमद ने कहा है कि बिल्डर से भू-राजस्व की भांति 24 लाख 16 हजार 157 रुपये 20 पैसे की वसूली की जाए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 09:38 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 06:02 AM (IST)
आदेश के बावजूद आवंटी को पैसा न लौटाने पर बिल्डर के खिलाफ आरसी होगी जारी

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : आदेश के बावजूद आवंटी को ब्याज समेत जमा धनराशि न लौटाने पर उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी-रेरा) ने एसवीपी बिल्डर्स इंडिया प्राइवेट के खिलाफ आरसी (वसूली प्रमाण पत्र) जारी करने के लिए डीएम को पत्र भेजा है। उसमें रेरा सचिव अबरार अहमद ने कहा है कि बिल्डर से भू-राजस्व की भांति 24 लाख 16 हजार 157 रुपये 20 पैसे की वसूली की जाए।

loksabha election banner

आवंटी शशांक सिंह ने अप्रैल 2014 में राजनगर एक्सटेंशन में एसवीपी बिल्डर्स इंडिया लिमिटेड के प्रोजेक्ट गुलमोहर गार्डन फेज-दो में फ्लैट बुक कराया था। 31 लाख 11 हजार 262 रुपये फ्लैट की कीमत तय हुई थी। 50-50 भुगतान पद्धति के अनुसार 15 लाख 55 हजार 632 रुपये दे दिए गए। शशांक ने होम लोन लेकर भुगतान किया। तय हुआ था कि एक दिसंबर 2015 तक फ्लैट का कब्जा दे दिया जाएगा। ये वक्त निकल गया। बिल्डर ने पेनाल्टी भी अदा नहीं की। बिल्डर के स्तर पर सुनवाई नहीं हुई तो शशांक ने यूपी-रेरा का दरवाजा खटखटाया। उसमें यह आरोप भी लगाया था कि बिल्डर ने वास्तविक प्लान से हटकर निर्माण किया है। हाईड्रोलिक पार्किंग दी जा रही है। इस मामले में यूपी-रेरा ने बिल्डर का पक्ष सुना। जिससे शशांक संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने जमा धनराशि वापस मांगी की थी। इस मामले में यूपी-रेरा ने बिल्डर को नियमानुसार रिफंड करने का आदेश दिया था। उस आदेश में ब्याज दर तय नहीं हुई थी। इस मामले में फिर से सुनवाई हुई। जिसमें यूपी-रेरा ने संशोधित आदेश पारित किया है। उसमें बिल्डर को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिग रेट (एमसीएलआर) से एक प्रतिशत अधिक की दर से ब्याज समेत जमा धनराशि शशांक को लौटाने का आदेश दिया है। जोकि, 24 लाख 16 हजार 157 रुपये 20 पैसे बनती है। यह राशि बिल्डर ने जमा नहीं कराई तो यूपी-रेरा ने बिल्डर के खिलाफ आरसी जारी जारी करने के लिए डीएम को पत्र भेजा है। आरसी में जो धनराशि खोली जाएगी, उसका भुगतान किया जाएगा। यूपी-रेरा का आदेश मान्य होगा।

- सुनील जिदल, सीईओ, एसवीपी बिल्डर्स इंडिया लिमिटेड।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.