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प्रदूषण करना है कम, अब लगानी होगी एंटी स्मॉग गन

लगातार देश के सबसे प्रदूषित शहरों की श्रेणी में शामिल गाजियाबाद और नोएडा के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नए आदेश जारी किए हैं। गाजियाबाद और नोएडा में दो हजार वर्गमीटर से अधिक के प्लॉट पर निर्माण कर रहे सभी बिल्डरों को अब धूल और धुआं रोकने के लिए एंटी स्मॉग गन लगानी होगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 07:50 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 07:50 PM (IST)
प्रदूषण करना है कम, अब लगानी होगी एंटी स्मॉग गन
प्रदूषण करना है कम, अब लगानी होगी एंटी स्मॉग गन

सौरभ पांडेय, साहिबाबाद:

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लगातार देश के सबसे प्रदूषित शहरों की श्रेणी में शामिल गाजियाबाद और नोएडा के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नए आदेश जारी किए हैं। गाजियाबाद और नोएडा में दो हजार वर्गमीटर से अधिक के प्लॉट पर निर्माण कर रहे सभी बिल्डरों को अब धूल और धुआं रोकने के लिए एंटी स्मॉग गन लगानी होगी। 15 दिन के अंदर सभी साइटों पर इसे स्थापित कर रिपोर्ट लखनऊ स्थित मुख्यालय भेजनी होगी। एंटी स्मॉग गन न लगाने पर बिल्डरों पर एक करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। दरअसल, बीते एक साल से गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्रदूषण के स्तर में भारी बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते गाजियाबाद और नोएडा लगातार सबसे अधिक प्रदूषण वाले शहरों में बने हुए हैं। प्रशासन और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लिए यह लगातार चिता का विषय बना हुआ है। इसे देखते हुए अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बड़ी साइटों पर निर्माण कर रहे बिल्डरों के लिए नए आदेश जारी किए हैं। 18 परियोजनाओं को किया गया चिह्नित: सभी बिल्डरों को एंटी स्मॉग गन लगानी होंगी जिससे धुएं और धूल को रोका जा सके। वर्तमान में गाजियाबाद के वसुंधरा, सिद्धार्थ विहार, कोयल एंक्लेव, राजनगर एक्सटेंशन आदि में निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसे में 18 बिल्डरों की परियोजनाओं को शुरुआत में चिह्नित किया गया। इन परियोजनाओं में सबसे पहले एंटी स्मॉग गन लगाई जाएगी। 15 दिन में इन साइटों पर एंटी स्मॉग गन लगाकर रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लिए भी जल्द ही यह आदेश लागू किया जाएगा। हो सकता है एक करोड़ तक का जुर्माना: प्रदूषण फैलाने पर और गन नहीं लगाने पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि प्रदूषण के स्तर को देखते हुए इस राशि को तय किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो बोर्ड ने शुरुआत में दो हजार वर्ग मीटर और इससे अधिक की साइटों के लिए यह नया नियम लागू किया है। अगर प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं आती तो एक हजार वर्गमीटर तक के प्लॉटों पर हो रहे निर्माणों अथवा सभी कंस्ट्रक्शन साइटों पर इसे अनिवार्य किया जा सकता है। प्रदूषण को देखते हुए मुख्यालय की ओर से दो हजार वर्गमीटर या उससे बड़ी निर्माणाधीन साइटों पर एंटी स्मॉग गन लगाने के निर्देश मिले हैं। गाजियाबाद और नोएडा के लिए मिले इन आदेशों को लागू करवाया जा रहा है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, नोएडा विकास प्राधिकरण और आवास विकास जैसी संस्थाओं से निर्माणाधीन साइटों की डिटेल ली जा रही है।

- उत्सव शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ये हैं 18 साइट जिन पर लगानी होगी एंटी स्मॉग गन: महक जीवन ग्रुप हाउसिग मोरटा, सैवी होम्स, राजनगर एक्सटेंशन, मेट्रो वेलफेयर संगठन हाउसिग कांप्लेक्टस कोयल एंक्लेव, मिग्सन हाउसिग सोसायटी वसुंधरा सेक्टर 14, कियासिक होम्ज राजनगर एक्सटेंशन, टीएंडटी ग्रुप हाउसिग सिद्धार्थ विहार, चा‌र्म्स कैसल वैशाली, एचपी बॉटलिग प्लांट टीला मोड़, एसआरएम इंफ्राटेक कोयल एंक्लेव समेत कुल 18 साइटों को सबसे पहले गन लगाने के लिए चिह्नित किया गया है।


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