नहीं बना पक्का रास्ता तो चुनाव में मतदान का बहिष्कार
कच्चे रास्ते को पक्का कराने के लिए 20 साल से संघर्ष कर रहे लोगकच्चे रास्ते को पक्का कराने के लिए 20 साल से संघर्ष कर रहे लोगकच्चे रास्ते को पक्का कराने के लिए 20 साल से संघर्ष कर रहे लोगकच्चे रास्ते को पक्का कराने के लिए 20 साल से संघर्ष कर रहे लोगकच्चे रास्ते को पक्का कराने के लिए 20 साल से संघर्ष कर रहे लोग
जागरण संवाददाता, मोदीनगर : रेलवे लाइन के पास विश्वकर्मा बस्ती की 20 हजार की आबादी पिछले 20 साल से कच्चे रास्ते पर चलने को मजबूर है। मामूली बूंदाबांदी में ही रास्ते में कीचड़ हो जाती है। इसके बावजूद आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि और सरकारी अमले ने लोगों की समस्या की सुध नहीं ली है। निराश लोगों ने अब चुनाव में वोट नहीं करने का निर्णय लिया है।
रेलवे लाइन के पास विश्वकर्मा बस्ती में 20 हजार से अधिक लोग पांच दशकों से भी अधिक समय से रहते हैं। दो दशक से कॉलोनी को जाने वाली मुख्य सड़क पूरी तरह जर्जर है। लोग लगातार सड़क के पुनर्निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन उन्हें आश्वासन के सिवाय आज तक कुछ नहीं मिल सका। आवाजाही में लोगों को भारी समस्या उठानी पड़ती है। मजबूरी में लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं। मामूली बूंदाबांदी में रास्ता पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो जाता है और यहां आवाजाही पूरी तरह बंद हो जाती है। हालत यह हो गई है कि कॉलोनी में लोगों के घर रिश्तेदारों ने भी आना-जाना बंद कर दिया है। तमाम प्रयासों के बावजूद कोई हल नहीं निकलने पर अब लोगों ने आगामी चुनाव में वोट नहीं करने का निर्णय लिया है। इस बारे में ईओ अनुज कौशिक का कहना है कि रेलवे लाइन से सटी होने के कारण इसके निर्माण में थोड़ी समस्या आ रही है। लोगों की समस्या के समाधान के लिए कोई न कोई रास्ता जरूर निकाला जाएगा।