महामाया स्पोर्ट्स स्टेडियम के पीछे कूड़ा डालने का विरोध, रोकीं गाड़ियां
महामाया स्पोर्ट्स स्टेडियम के पीछे न्यू लिक रोड किनारे कूड़ा डलते देख रविवार को लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। आसपास की कॉलोनियों में रह रहे लोगों ने नगर निगम की गाड़ियों को रोका। उन्हें वहीं से लौटा दिया। लोगों का आक्रोश तब ज्यादा बढ़ गया जब वहां मरे हुए जानवर पड़े देखे। लोगों ने बताया कि हवा के झोंके के साथ कूड़े की बदबू आती है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : महामाया स्पोर्ट्स स्टेडियम के पीछे न्यू लिक रोड किनारे कूड़ा डालते देख रविवार को लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। आसपास की कॉलोनियों के लोगों ने दो घंटे प्रदर्शन किया। नगर निगम की 50 गाड़ियों को रोका। उन्हें वहीं से लौटा दिया। लोगों का आक्रोश तब ज्यादा बढ़ गया, जब वहां मरे हुए जानवर पड़े देखे। गुस्साए लोगों ने काम कर रहे निगम कर्मियों को वहां से भगा दिया। लोगों ने बताया कि हवा के झोंके के साथ कूड़े की बदबू आती है। गंदगी और बदबू की वजह से कॉलोनियों में बच्चे बीमार हो रहे हैं। लोगों ने तय किया है कि सोमवार को नगर निगम मुख्यालय का घेराव करेंगे। नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंप कर कूड़ा न डालने की मांग करेंगे। दैनिक जागरण ने रविवार के अंक में इस समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। यह भी बताया था कि लोगों का आक्रोश फूट सकता है। एलिवेटेड रोड के नीचे भी इसी तरह कूड़ा डाला जा रहा है। उसके आसपास बसी कॉलोनियों के लोगों में भी आक्रोश है।
16 जनवरी से सिद्धार्थ विहार स्थित प्रताप विहार डंपिग ग्राउंड में कूड़ा डालने पर रोक लगी हुई है। हालांकि, रोक के बावजूद नगर निगम ने वहां कूड़ा डालने का प्रयास किया। लोगों के विरोध और यूपी स्टेट सॉलिड वेस्ट मैनजमेंट मॉनिटरिग कमेटी को शिकायत होने की वजह से निगम ने वहां कूड़ा डालना पूर्ण रूप से बंद कर दिया। ऐसे में शहर से रोजाना निकल रहे 1200 मीट्रिक टन कूड़े को ठिकाने लगाने के विभिन्न इलाकों में चोरी-छुपे खाली प्लॉटों पर कूड़ा डाला। वहां भी विरोध पनपने निगम को पीछे हटना पड़ा। तब से कूड़े की समस्या बनी हुई। तीन महीनों में नगर निगम अधिकारियों ने कूड़ा निस्तारण की कोई ठोस योजना तैयार नहीं की। इस नाकामयाबी को छुपाने के लिए पहले दिन में पांच-पांच गाड़ी कूड़ा महामाया स्पोर्ट्स स्टेडियम के पीेछे न्यू लिक रोड किनारे खाली भूखंड पर डालना शुरू किया। बाद में पुराने शहर का पूरा कूड़ा वहां डालने लगे। पहले भी यहां निगम ने कूड़ा डालने का प्रयास किया था तो लोगों ने विरोध कर दिया था। अब भूखंड के दूसरे छोर को कूड़ा डालने के लिए चुना। कूड़े के अलावा मरे जानवरों को भी वहां डाला जाने लगा। इसकी बदबू पास की चमन कॉलोनी, अमल कॉलोनी, इस्लाम नगर, छोटा कैला और कैला भट्टा तक पहुंच रही है। यही नहीं गंदगी उड़ कर कॉलोनी तक जा रही है। लोगों ने बताया कि गंदगी और बदबू की वजह से उनका सांस लेना मुश्किल हो गया है। सांस लेने में दिक्कत के कारण छाती दर्द करने लगी है। नाक में एलर्जी हो रही है। उल्टी-दस्त से घर-घर लोग परेशान हैं। जब रविवार को लोगों के सब्र का बांध टूटा तो उन्होंने नगर महामाया स्पोर्ट्स स्टेडियम के पीछे पहुंच नगर निगम की कूड़े से भरी गाड़ियों को रोक लिया। उन्हें वहां लौटा दिया। कूड़ा समतल कर रही पोकलेन मशीन रुकवा दी। निगम अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी भी की। जानवरों के शवों को देख लोगों का गुस्सा बढ़ गया। उन्होंने वहीं से ऐलान कर दिया कि सोमवार को नगर निगम मुख्यालय का घेराव करेंगे। पहले नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंप स्टेडियम के पीछे कूड़ा डालने से रोकने की मांग करेंगे। चेतावनी देते हुए कहा कि इस पर भी समस्या दूर नहीं हुई तो निगम को खामियाजा भुगतना होगा।
अर्थला में भी पनप रहा विरोध
टीएचए का कूड़ा अर्थला में एलिवेटेड रोड के नीचे डंप किया जा रहा है। उसके आसापास की कॉलोनियों में भी विरोध पनप रहा है। लोगों की शिकायत है कि घर-घर लोग बीमार हैं। हवा के साथ बदबू आ रही है। उससे संक्रामक रोग हो रहे हैं। कूड़ा सूखने के बाद जो धूल उड़ती है। उससे त्वचा रोग हो रहे हैं। नगर निगम को लोगों की सेहत का ख्याल नहीं है। मेरे वार्ड के लोगों को स्टेडियम के पीछे कूड़ा डलने से काफी परेशानी हो रही है। रोजाना लोग शिकायत करने आते हैं। नगर निगम ने कूड़ा निस्तारण का इंतजाम करने के बजाए खुले में कूड़ा डालकर एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन करना शुरू कर दिया है। यह ठीक नहीं है।
- सिमरन मिलक, पार्षद, वार्ड-93
कूड़े की समस्या का समाधान तलाशा जा रहा है। मैंने पता किया जिस जमीन पर कूड़ा डाला जा रहा है, वह निगम की है। आबादी से काफी दूर कूड़ा डाला जा रहा है। लोग बेवजह आपत्ति जता रहे हैं।
- दिनेश चंद्र, नगर आयुक्त