पाक अब फर्जी वीडियो वायरल कर नहीं बिगाड़ पाएगा कश्मीर का माहौल, इस तकनीक से कश्मीरी युवा कर सकेंगे असली-नकली की पहचान
Jagran Exclusive आधुनिक तकनीक की मदद से कश्मीरी युवाओं को पाकिस्तान के दुष्प्रचार की सच्चाई से रूबरू कराया जाएगा। गाजियाबाद स्थित एएलटीटीसी में एक हजार से अधिक कश्मीरी युवाओं को इस माह के अंत में असली व फर्जी वीडियो की पहचान करने और साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग दी जाएगी।
गाजियाबाद [हसीन शाह]। पाकिस्तान से फर्जी वीडियो इंटरनेट पर अपलोड कर कश्मीरी युवाओं को हिंसा के लिए उकसाने की चाल अब कामयाब नहीं हो सकेगी। कश्मीरी युवा एएलटीटीसी में असली व फर्जी वीडियो की पहचान की ट्रेनिंग लेकर स्थानीय निवासियों को जागरूक करने के साथ वहां भारत के प्रति मुहब्बत के फूल खिलाएंगे।
एक हजार युवाओं को दी जाएगी ट्रेनिंग
गाजियाबाद स्थित एएलटीटीसी (एडवांस लेवल टेलीकॉम ट्रेनिंग सेंटर) में एक हजार से अधिक कश्मीरी युवाओं को इस माह के अंत में असली व फर्जी वीडियो की पहचान करने और साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग दी जाएगी। आधुनिक तकनीक की मदद से कश्मीरी युवाओं को पाकिस्तान के दुष्प्रचार की सच्चाई से रूबरू कराया जाएगा। जिससे वे लौटने के बाद वहां देश प्रेम की भावना को घर -घर तक पहुंचा सके।
डर था कि बदले में मिलेंगे पत्थर
दिसंबर 2019 में 400 से अधिक कश्मीरी छात्र-छात्राएं एएलटीटीसी में ट्रेनिंग लेने आए थे। उनके बैच में करीब 20 छात्र ऐसे थे, जो अपने गांव वालों को सेना पर पत्थरबाजी करते हुए देख खुद भी पत्थरबाजी करने लग जाते थे। एएलटीटीसी के सहायक निदेशक कृष्ण कुमार यादव के मुताबिक पुलवामा के पास एक गांव से आए कई कश्मीरी छात्रों ने बताया कि वह गुमराह होकर पत्थरबाजी करते थे। जब वे गाजियाबाद आ रहे थे तो उन्हें बरगलाया गया था कि बदले में गाजियाबाद के लोग भी पत्थर मारंगे। इसलिए वे डरे हुए थे। यहां के लोगों से उन्हें बहुत प्यार मिला । यहां से जाते वक्त उन्होंने कहा था कि अब वे कभी पत्थरबाजी नहीं करेंगे।
इन यूनिवर्सिटी के युवा लेंगे ट्रेनिंग
एएलटीटीसी के सहायक निदेशक कृष्णा कुमार यादव ने बताया कि ट्रेनिंग के लिए एनआइटी श्रीनगर, यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर श्रीनगर, इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, बाबा गुलाम शाह बादशाह यूनिवर्सिटी जम्मू एंड कश्मीर को ट्रेनिंग के लिए प्रस्ताव भेजा है। जून, जुलाई व अगस्त में ट्रेनिंग कराने का समय तय किया गया है। अलग-अलग बैच में ट्रेनिंग दी जाएगी। युवाओं को फर्जी वीडियो की पहचनाना, साइबर सुरक्षा, इंटीग्रेटेड टेलीकॉम, बिल्डिंग साइंस आदि विषयों की ट्रेनिंग दी जाएगी।
साल 2019 में गाजियाबाद आए कश्मीरी युवाओं ने स्वीकार किया था कि वह कुछ गांव वालों के साथ मिलकर पत्थरबाजी करने लग जाते थे। यदि कोरोना खत्म हो जाता है को जून से ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी। कोरोना कम नहीं होने पर आनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के बाद नौकरी के दरवाजे भी खुल जाएंगे।