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ऑर्गेनिक फॉ¨गग से होगा मच्छरों पर प्रहार

प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम अब ऑर्गेनिक फॉ¨गग कराएगा। इससे बीमारी फैलाने वाले मच्छर तो मरेंगे। पर्यावरण की सेहत पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके लिए विशेष फॉ¨गग मशीन और ऑर्गेनिक रसायन खरीदने की तैयारी चल रही है। बृहस्पतिवार को एक कंपनी की मशीन का ट्रायल किया गया। कंपनी का दावा है कि इससे लोगों की सेहत पर भी कोई कुप्रभाव नहीं पड़ेगा। कंपनी के प्रतिनिधि ने इसका प्रमाण देने के लिए रसायन चख कर दिखाया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 08:39 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 08:39 PM (IST)
ऑर्गेनिक फॉ¨गग से होगा मच्छरों पर प्रहार
ऑर्गेनिक फॉ¨गग से होगा मच्छरों पर प्रहार

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम अब ऑर्गेनिक फॉ¨गग कराएगा। इससे बीमारी फैलाने वाले मच्छर तो मरेंगे। साथ ही पर्यावरण की सेहत पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके लिए विशेष फॉ¨गग मशीन और ऑर्गेनिक रसायन खरीदने की तैयारी चल रही है। बृहस्पतिवार को एक कंपनी की मशीन का ट्रायल किया गया। कंपनी का दावा है कि इससे लोगों की सेहत पर भी कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। कंपनी के प्रतिनिधि ने इसका प्रमाण देने के लिए रसायन चख कर दिखाया।

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नगर निगम फॉ¨गग के लिए डीजल और खतरनाक रसायन का उपयोग करता आया है। इसके धुएं से मच्छर मर जाते हैं। लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। जो लोग दमा और सीओपीडी से ग्रसित हैं, फॉ¨गग के बाद उनके लिए सांस लेना मुश्किल होता है। ऑर्गेनिक रसायन से फॉ¨गग पर धुआं तो होता है, लेकिन उसका नुकसान नहीं होता। मशीन में इस काम के लिए डीजल की जगह ऑर्गेनिक रसायन के साथ पानी का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे न पर्यावरण प्रदूषित होता है, न ही लोगों की सेहत पर कोई दुष्प्रभाव पड़ता है। 15 दिन तक मच्छर-मक्खी से छुटकारा

ऑर्गेनिक फॉ¨गग मशीन बेचने वाली कंपनी के प्रतिनिधियों ने ट्रायल के दौरान बताया कि एक बार फॉ¨गग करने पर 15 दिन तक सुकून रहता है। इतने दिन के लिए मच्छर, मक्खी और कई तरह के कीटों से छुटकारा मिल जाता है। केरल में बाढ़ के बाद महामारी रोकने के लिए इसी तरह की फॉ¨गग कराई जा रही है।

फॉ¨गग की लागत कम

परंपरागत फॉ¨गग की तुलना में ऑर्गेनिक रसायन का प्रयोग करना सस्ता है। फॉ¨गग के लिए ऑर्गेनिक रसायन 300 रुपये में मिल जाता है। जबकि, परंपरागत तरीके से फॉ¨गग करने में दवा के अलावा रोजना डीजल का भारी खर्च आता है। शहर भर में फॉ¨गग करने पर 350 लीटर डीजल लगता है।

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फॉ¨गग के धुंए से पर्यावरण प्रदूषित होता है। लोगों को भी तकलीफ होती है। इस कारण ऑर्गेनिक रसायन से फॉ¨गग करने पर मंथन किया जा रहा है। इससे पर्यावरण और लोगों की सेहत दोनों को कोई खतरा नहीं होगा।

- सीपी ¨सह, नगर आयुक्त


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