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समाधान दिवस को लेकर गंभीर नहीं अफसर

जागरण संवाददातामोदीनगरमुख्यमंत्री के आदेशों की अफसरों को शायद कोई परवाह नहीं है। ल

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 06:29 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 06:29 PM (IST)
समाधान दिवस को लेकर गंभीर नहीं अफसर

जागरण संवाददाता,मोदीनगर:

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मुख्यमंत्री के आदेशों की अफसरों को शायद कोई परवाह नहीं है। लॉकडाउन के बाद थाना परिसर में पहली बार आयोजित हुए समाधान दिवस में भी अफसरों ने बैठने में कोई रुचि नहीं दिखाई। यही वजह रही कि मोदीनगर थाने में महज चार, जबकि निवाड़ी व भोजपुर में शिकायत की संख्या शून्य रही। कोरोना के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के बाद इसी माह से सरकार ने तहसील परिसर में आयोजित होने वाले संपूर्ण समाधान दिवस और थाना परिसर में माह के पहले व तीसरे शनिवार को आयोजित होने वाले समाधान दिवस को पूर्व की तरह आयोजित कराने के आदेश दिए थे। मुख्यमंत्री ने अफसरों को साफ निर्देश दिए थे कि जिस तरह समाधान दिवस इनका नाम है। उसी के अनुरूप इनमें जनता की समस्याओं का स्थाई समाधान भी होना चाहिए, ताकि जनता को किसी प्रकार की समस्या न हो। इसी के चलते शनिवार को मोदीनगर थाने में समाधान दिवस का बैनर तो सुबह ही लगा दिया गया, लेकिन अफसर वहां से नदारद रहे। पुलिस की तरफ से मोदीपान चौकी प्रभारी राजेंद्र गौतम व लेखपाल ही वहां मौजूद रहे।

किसी अफसर के मौजूद नहीं मिलने पर उनमें भी अधिकांश समय से पहले ही उठकर चले गए। यही वजह रही कि समाधान दिवस में जमीन संबंधी मामलों की महज चार शिकायतें आईं, जिनको रजिस्टर में दर्ज कर लिया गया। यही हाल भोजपुर व निवाड़ी थाने में रहा। भोजपुर थाने में सीओ सुनील कुमार सिंह पहुंचे। प्रशासन से कोई भी बड़ा अफसर नहीं पहुंचा। यही हाल निवाड़ी में देखने को मिला। शायद इसी के चलते वहां शिकायतों की संख्या शून्य रही।

इस बारे में तहसीलदार उमाकांत तिवारी का कहना है कि समाधान दिवस की लोगों को जानकारी नहीं होने के कारण शायद ऐसा हुआ है। समाधान दिवस के आयोजित होने का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुरादाबाद गांव में किसानों का धरना होने के चलते अधिकारियों को वहां जाना पड़ा था। हो सकता है कुछ समय के लिए समाधान दिवस में कोई अफसर मौजूद न मिला हो। ज्ञात हो, कि तहसील परिसर में आयोजित होने वाले संपूर्ण समाधान दिवस में कोरोना के बढ़ते संकट के बावजूद 46 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। लोगों का कहना है कि गाजियाबाद के बड़े अफसरों के आने के चलते संपूर्ण समाधान दिवस में तहसील और थाने के अफसर समय से ही आ जाते हैं।


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