Move to Jagran APP

एफसीआइ को प्याज बेचना पड़ रहा भारी

एफसीआइ के अफसरों को प्याज की बिक्री करना भारी पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 05:16 PM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 06:03 AM (IST)
एफसीआइ को प्याज बेचना पड़ रहा भारी
एफसीआइ को प्याज बेचना पड़ रहा भारी

जागरण संवाददाता, सोनीपत : एफसीआइ के अफसरों को प्याज की बिक्री करना भारी पड़ रहा है। पहली खेप में ही आई प्याज की बिक्री अभी तक नहीं हो सकी है। बृहस्पतिवार को अफसरों ने अपने गोदाम को खाली कराकर प्याज को राशन डीलरों को उठवा दिया है। इसके साथ ही अब प्याज मंगवाने से तौबा कर ली है। बाजार में प्याज के भाव कम होने से राशन डीलर से लोगों ने खरीद कम कर दी है।

loksabha election banner

प्याज के दाम नवरात्र से पहले एकाएक 80 रुपये किलो से ज्यादा हो गए थे। इसको लेकर लोगों में मारामारी मचने लगी। चुनावी माहौल में प्याज का मुद्दा बनने से रोकने के लिए सरकार ने तत्काल राशन डीलरों के माध्यम से इसकी बिक्री शुरू करा दी। हरियाणा में सरकारी कोटे से मिलने वाले प्याज के दाम 31 रुपये किलो रखे गए, जबकि बाजार में 80-90 रुपये बिक रहा था। जिले को पहली खेप में 900 क्विटल प्याज मिला था। राशन डीलरों में प्याज लेने को मारामारी मच गई। शहर में ही 600 क्विटल प्याज का उठान पहले ही दिन कर लिया गया। इसमें से दो दिन में ही 400 क्विटल प्याज का उठान हो गया। इसी बीच नवरात्र शुरू हो गए और सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी। इससे खुले बाजार में भी प्याज के दाम 40-50 रुपये किलो पर पहुंच गए। हालांकि गली-मोहल्लों में अभी भी 50-60 रुपये किलो इसकी बिक्री की जा रही है। इसका असर यह हुआ कि नवरात्र से विजयादशमी तक दस दिन में 100 क्विंटल प्याज की बिक्री भी नहीं हो सकी। अब अफसरों को गोदाम खाली कराने की चिता होने लगी। ऐसे में आदेश जारी कर बृहस्पतिवार को प्याज को राशन डीलरों को उठवा दिया गया।

..

नवरात्र होने और बाजार में कीमत कम हो जाने से प्याज का उठान धीमा हो गया है। अब लोग प्याज लेने राशन डीलर के पास बहुत कम पहुंच रहे हैं। गोदाम में पड़े रहने के बजाय इसकी बिक्री तो करानी ही थी। जिस राशन डीलर ने पहले जितने प्याज लिए थे, उसी अनुपात में अब उसको बाकी बचे 300 क्विंटल में से दे दिया गया है। उम्मीद है, जल्दी ही इसकी बिक्री हो जाएगी। अब प्याज नहीं मंगवाए जाएंगे।

- नितेश गोयल, उप खाद्य आपूर्ति एवं नियंत्रक।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.