लापरवाही: बिद्युत निगम का बिल चक्र देख जनता को लगा करंट
अभिषेक सिंह साहिबाबाद लॉकडाउन के दौरान विद्युत निगम ने पहले तो बिना मीटर रीडिग लिए लोगो
अभिषेक सिंह, साहिबाबाद: लॉकडाउन के दौरान विद्युत निगम ने पहले तो बिना मीटर रीडिग लिए लोगों के घर अनुमान के हिसाब से बिजली के बिल भेज दिए। बढ़ा हुआ बिजली का बिल देख पहले तो लोगों के पसीने छूट गए। बमुश्किल बिजली घरों के चक्कर काट-काटकर लोगों ने यह बिल सही करवाना शुरू किया है। अभी इस समस्या का समाधान पूरी तरह से हुआ भी नहीं कि विद्युत निगम ने नई परेशानी जनता के सामने रख दी है। एक माह में घरों में खर्च की गई बिजली के हिसाब से तैयार होने वाले बिल अब 15-20 दिन में ही तैयार किए जाने लगे। इस नए बिल चक्र को देखकर लोगों को मानो करंट लग गया। उनका कहना है कि कोरोना के कारण एक तरफ आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं तो दूसरी तरफ विद्युत निगम के अधिकारियों द्वारा एक माह में दो-दो बार बिजली का बिल भेजकर लोगों के सामने संकट की स्थिति खड़ा किया जा रहा है। जो लोग कोरोना के डर से घर से बाहर नहीं निकल रहे थे, वह भी बिजली घरों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हो रहे हैं। वहां भीड़ होने के कारण लोगों को संक्रमण की चपेट में आने का डर भी लग रहा है।
राजेंद्र नगर में रहने वाले सुरेंद्र लूथरा सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि 20 मई को उनके पास विद्युत निगम ने 5,800 रुपये का बिजली का बिल भेजा। इस बिल के भुगतान की अंतिम तिथि 27 मई बताई गई, इसके बाद बिल जमा करने पर अतिरिक्त शुल्क भी देना पड़ता। बिल विद्युत निगम के कर्मचारियों ने अनुमान के हिसाब से तैयार किया था, घर जाकर मीटर रीडिग नहीं ली थी। ज्यादा बिल आने की शिकायत करने पर आश्वासन दिया गया कि बिल का भुगतान करने पर अगले बिल में अतिरिक्त शुल्क को मैनेज कर लिया जाएगा। इस वजह से उन्होंने तय समय में ही बिल का भुगतान कर दिया। बिल जमा करने के महज दो सप्ताह बाद ही 13 जून को उनके घर दूसरा बिजली का बिल आ गया, जो कि करीब साढ़े चार हजार रुपये का है। इस बिल के भुगतान की अंतिम तिथि 20 जून तय की गई है। सुरेंद्र ने इस संबंध में इएसआइ अस्पताल के सामने बिजली घर में बैठने वाले अधिशासी अभियंता अनिल श्रीवास्तव को फोन कर शिकायत की तो उन्होंने बताया कि बिल चक्र गड़बड़ हो गया है, इसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। अगली बार से सही टाइम पर बिल भेजा जाएगा।
सुरेंद्र लूथरा ने बताया कि महज दो सप्ताह पहले ही उन्होंने करीब छह हजार रुपये का बिजली का बिल जमा किया अब इतनी जल्द ही पांच हजार रुपये के दूसरे बिल का भुगतान करने के लिए विद्युत निगम दबाव बना रहा है, बिल का भुगतान न करने पर करीब आठ सौ रुपये से अधिक का अतिरिक्त शुल्क वसूलने या बिजली काट देने की चेतावनी उनको दी जा रही है। अकेले सुरेंद्र लूथरा नहीं बल्कि उनके पड़ोसी प्रमोद शर्मा और राजेंद्र नगर में रहने वाले ज्यादातर लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं।