Earth Day 2020: कहीं दोबारा न चुकाना पड़े पर्यावरण को लॉकडाउन जैसी कीमत Ghaziabad News
World earth day 2020 लॉकडाउन के कारण गंगा और यमुना नदी का पानी साफ होने के साथ धारा प्रवाह बढ़ गया है।
साहिबाबाद (गाजियाबाद), धनंजय वर्मा। आज विश्व पृथ्वी दिवस पर आसमान और नदियों का पानी नीला हो गया, आबोहवा सांस लेने लायक हो गई है लेकिन इसके लिए विश्व को लॉकडाउन जैसी बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। लॉकडाउन के कारण पूरे देश को सामाजिक और आर्थिक नुकसान हो रहा है। आसमान से लेकर पृथ्वी तक में जो सुधार हुए हैं। इससे हमें सीख लेनी चाहिए कि प्रकृति के साथ कोई छेड़छाड़ न की जाए, जिससे इसकी कीमत चुकानी पड़े।
सन 1970 से पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य पर्यावरण समस्याओं का निवारण करना है। आज वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, वैश्विक तपन,जलवायु परिवर्तन, ओजोन परत की क्षय और जैव विविधता का नुकसान हो रहा है। भारत में कई नदियां झीलें एवं तालाब सूख गए हैं या सूखने की कगार पर हैं। भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। साथ ही भूजल जहरीला हो रहा है, जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारी आम हो गई हैं। जलवायु परिवर्तन होने से हिमखंड बहुत तेजी से पिघल रहा है।
विश्व में सबसे प्रदूषित दर्ज हुआ गाजियाबाद
एनवायरमेंट एंड सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. जितेंद्र नागर के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 32 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 20 शहर थे। इनमें गाजियाबाद विश्व का सबसे प्रदूषित शहर था। गाजियाबाद सर्दियों में अधिकतर देश में सबसे प्रदूषित शहर बना रहा। हालांकि लॉकडाउन के चलके गाजियाबाद की आबोहवा सांस लेने लायक हुआ है।
हरनंदी नदी में नहीं हुआ संतोषजनक सुधार
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा के मुताबिक एक सर्वे में पाया गया है कि लॉकडाउन के कारण गंगा और यमुना नदी का पानी साफ होने के साथ धारा प्रवाह बढ़ गया है। वहीं, गाजियाबाद की हरनंदी नदी में प्राकृतिक पानी का बहाव नहीं है। हरनंदी में शहर में चल रही सुगर, डेयरी व अन्य इमरजेंसी सामानों की फैक्ट्रियां का गंदा पानी आता है, जिससे हरनंदी नदी के पानी में गंगा व यमुना नदी की तुलना में बेहद कम साफ हुआ है।
यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने बताया कि दिल्ली और गाजियाबाद के बीच चलने वाले 90 फीसद से अधिक वाहनों में गिरावट आई है। फैक्ट्रियां, निर्माण कार्य व अन्य काम बंद हैं। इससे प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट आई है। लोगों से अपील है के अब पर्यावरण को ऐसे ही बनाए रखें।
लॉकडाउन से पहले और बाद में गाजियाबाद में प्रदूषण का ग्राफ
स्टेशन एक्यूआई (22 मार्च) एक्यूआइ (21 अप्रैल)
संजय नगर 238 111
वसुंधरा 219 90
इंदिरापुरम 189 97
लोनी 274 125