यूपी के 'सिंगापुर' में देसी तकनीक से पानी पर दौड़ रहीं गाड़ियां!
सड़क पर बह रही नदी की जद में जल निगम का दफ्तर भी आ गया है। इंदिरापुरम में पेट्रोल पंप के करीब स्थित जल निगम कार्यालय के भीतर और बाहर पानी ही पानी है।
गाजियाबाद (सिद्धार्थ श्रीवास्तव)। यूपी के सिंगापुर कहे जाने वाले शहर इंदिरापुरम—वैशाली इलाके में इन दिनों देसी तकनीक से गाड़ियां पानी पर दौड़ रही हैं। चौंकिए नहीं, यह देसी तकनीक कोई नई नहीं है। आम तौर पर यह तकनीक यूपी के हर शहर में बारिश के दिनों में सड़कों पर देखी जा सकती है। खास बात यह है कि इंदिरापुरम—वैशाली इलाके में इस तकनीक का इस्तेमाल बारिश का पानी इकट्ठा हुए बिना सफलतापूर्वक किया जा रहा है।
जिम्मेदार संस्थाएं हैं 'कामयाब'
जीडीए, नगर निगम, जल निगम जैसी जिम्मेदार संस्थाओं की 'निष्क्रियता की कामयाबी' देखनी हो तो इन दिनों आप वसुंधरा से इंदिरापुरम की यात्रा कर सकते हैं। यहां कनावनी से सीआइएसएफ की ओर जाने वाला मार्ग करीब हफ्ते भर से बंद चल रहा है। इस मार्ग पर भूमिगत सीवर लाइन डालने का काम चल रहा है। वसुंधरा से सीआइएसएफ जाने वाले लोगों का रास्ता छिन गया है, लेकिन लोग अपना हक छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उनके लिए किसी और रास्ते से घूमकर जाने से बेहतर उसी रास्ते से ठूसमठूस कर निकलने की तकनीक है। फिलहाल इस मार्ग की जो लेन चालू है उसी पर से दोनों तरफ का यातायात सौहार्दपूर्वक गुजर रहा है।
कार्यदायी संस्था ने बड़ी हसरतों के साथ यह सड़क खोदी, लेकिन सीवर उनकी हसरतों पर ही पानी फेरने में जुटा गया। उसने अपना पानी सड़क पर उतार दिया, ताकि लोग जंग लड़ते रहें। आम लोगों की इस 'नरकयात्रा' के बीच जीडीए, नगर निगम अपनी निष्क्रियता में पूरी तरह से 'कामयाब' नजर आते हैं।
तो दिखेगा विद्युत देव का साक्षात नृत्य
कार्यदायी संस्थाओं की लापरवाही की देसी तकनीक से वसुंधरा—सीआइएसएफ मार्ग पर गाड़ियां पानी पर दौड़ रही हैं। यहां सड़क पर नदी बह रही है। इस नदी से होकर गाजियाबाद से नोएडा और दिल्ली की ओर जाने वाले वाहन गुजर रहे हैं। हैरानी की बात है कि इसी नदी में ट्रांसफॉर्मर का बेस भी डूब गया है। अगर विद्युत निगम भी थोड़ा सा 'सक्रिय' हो जाए तो लोगबाग इस पानी में विद्युत देव का साक्षात नृत्य भी देख सकेंगे।
यह एक्सरसाइज अच्छी है
सड़क पर बह रही नदी की जद में जल निगम का दफ्तर भी आ गया है। इंदिरापुरम में पेट्रोल पंप के करीब स्थित जल निगम कार्यालय के भीतर और बाहर पानी ही पानी है। सीवर के पानी से जला जल निगम खुद भी अपने बचाव के रास्ते नहीं ढूंढ़ पाया है। जल निगम कर्मी व लोगबाग इस कार्यालय में भी उछल—कूद करते हुए पहुंच रहे हैं। शायद यह उछल—कूद भी उन्हें बुरी नहीं लग रही। इसी बहाने अच्छी खासी एक्सरसाइज का मौका जो मिल रहा है।