Sushma Swaraj: जानिए, सुषमा ने अपने अंतिम संबोधन में किसे कहा था 'संकटमोचक'
भाजपा की दिग्गज नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब हमारे बीच नहीं हैं मगर उनके शब्द हमारें बीच हमेशा रहेंगे। पढ़िए अपने अंतिम में उन्होंने किसे बताया था संकटमोचक।
गाजियाबाद (शाहनवाज अली)। भाजपा की दिग्गज नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार को देर रात निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार चल रहीं थीं। गाजियाबाद में 2019 के आम चुनाव में अंतिम बार लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी जनरल वीके सिंह के समर्थन में आयोजित हिंदी भवन में सभा को संबोधित करने आई थीं। उन्होंने जनरल वीके सिंह को संकटमोचक बताया था।
भाजपा के क्षेत्रीय मंत्री अजय शर्मा ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को याद करते हुए बताया कि वह जब भी मिलती एक छोटे भाई की तरह प्यार देतीं थीं। लोकसभा चुनाव के दौरान गाजियाबाद के सांसद और तत्कालीन मंत्रिमंडल के अपने साथी वीके सिंह के चुनाव प्रचार के लिए हिंदी भवन में आकर उन्होंने वीके सिंह को अपना और देश का संकटमोचक बताया। उन्होंने कहा था कि मैं किसी साधारण सांसद अथवा किसी केंद्रीय मंत्री के लिए वोट मागने नहीं आई हूं, बल्कि अपने संकटमोचक वीके सिंह को जिताने की अपील करने आई हूं।
इसके बाद उन्होंने विदेश राज्य मंत्री के रूप में वीके सिंह द्वारा यूक्रेन, लीबिया और यमन में फंसे भारतीयों को वापस अपने देश लाने के संस्मरण सुनाए थे। उन्होंने बताया कि प्रखर नेता सुषमा स्वराज ने कहा था कि जब-जब विदेश में कहीं भारतीय फंसे, तो उन्होंने कैसे उनके लिए दिन रात की परवाह नहीं की। यूक्रेन में फंसे एक हजार छात्रों और लीबिया में 3,500 लोगों निकाला।
यमन से भारत और विदेशों के मिलाकर कुल 7,000 हजार लोगों को अपने देश पहुंचाया था। उनकी भाषा शैली कितना कमाल थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोकसभा में वह जब संबोधन करतीं तो पक्ष में या विपक्ष में हर कोई उनकी बातों को ध्यान से सुनता था। वो हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी।
कैंसर से पीड़ित एक पाकिस्तानी महिला ने भारत में इलाज के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद मांगी थी। इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास ने दोनों देशों के बीच बिगड़ते रिश्तों का हवाला देते हुए उसको मेडिकल वीजा देने से मना कर दिया था। मुंह के बेहद गंभीर ट्यूमर से ग्रस्त फैजा तनवीर इलाज के लिए गाजियाबाद स्थित इंद्रप्रस्थ डेंटल कॉलेज और अस्पताल आना चाहती थीं।
इलाज के लिए वह एडवास में 10 लाख रुपये भी दे चुकी थी। वीजा के लिए भारतीय दूतावास द्वारा मना करने पर तनवीर ने ट्वीट्स के जरिये सुषमा स्वराज से उनके मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। तो तनवीर ने अपने एक ट्वीट में सुषमा को टैग करके लिखा, पाकिस्तानी हूं और कैंसर से पीड़ित हूं। इंडिया आना चाहती हूं और हाफ पेमेंट भी कर दिया है। प्लीज मैम, मेरी जिंदगी बचा लीजिए।
दैनिक जागरण ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस पर दोनों देशों के बीच तमाम अदावतों को पीछे छोड़ पूर्व विदेश मंत्री ने बड़ा दिल दिखाते हुए फैज को वीजा जारी कराकर इलाज के लिए भारत बुलाया था। भारत ही नही दुनियाभर में उनके इस मानवीय कदम की तारीफ हुई थी।
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