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गाजियाबाद के जिलाधिकारी बनाए गए राकेश कुमार सिंह, उम्दा कामों ने दिलाया मुकाम

Rakesh Kumar Singh गाजियाबाद में तैनाती के लिए डीएम मुरादाबाद राकेश कुमार सिंह का नाम पहले से ही चर्चा में था वह पूर्व में गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त भी रह चुके हैं। उम्मीद है कि शनिवार तक वह चार्ज ले लेंगे।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 11:32 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 11:41 AM (IST)
गाजियाबाद के जिलाधिकारी बनाए गए राकेश कुमार सिंह, रखते हैं क्रिकेट खेलने का शौक

गाजियाबाद [अभिषेक सिंह]। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय को झांसी का कमिश्नर और राकेश कुमार सिंह को जिलाधिकारी ग़ाज़ियाबाद बनाया गया है। इसके साथ ही जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय के पदोन्नत होने के बाद तबादले को लेकर चल रही चर्चाओं पर शुक्रवार सुबह विराम लग गया। दो माह पहले ही अजय शंकर पांडेय को पदोन्नत किया गया था, तब से उनके तबादले को लेकर चर्चा चल रही थी। गाजियाबाद में तैनाती के लिए डीएम मुरादाबाद राकेश कुमार सिंह का नाम पहले से ही चर्चा में था, वह पूर्व में गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त भी रह चुके हैं। उम्मीद है कि शनिवार तक वह चार्ज ले लेंगे। मुरादाबाद में डीएम के पद पर करीब 4 साल से कार्यरत रहे राकेश कुमार सिंह ने वहां पर बेहतर कार्य किया है।

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क्रिकेट खेलने का है शौक

मूलरूप से अयोध्या (पूर्व में नाम फैज़ाबाद) के रहने वाले राकेश कुमार सिंह को क्रिकेट खेलने का और किताबें पढ़ने शौक है। मुरादाबाद में वह निरीक्षण के लिए हवाई पट्टी जा रहे थे तो रास्ते मे बच्चों को क्रिकेट खेलते देख वहां रुककर क्रिकेट भी खेला और बच्चों से क्रिकेट को लेकर सवाल भी किए। खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो पूर्व में वह ग़ाज़ियाबाद के साथ हापुड़ और नोएडा में भी कार्यरत रह चुके हैं। नोएडा में वह यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के सीईओ और हापुड़ में हापुड़ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहे हैं।

ऐसे करते हैं समस्याओं का हल

राकेश कुमार सिंह समस्याओं का हल कराने के लिए समय के पाबंद हैं। जिले में माहौल को शांत बनाए रखने के लिए वह अपराधियों के खिलाफ सम्पत्ति जब्त करने की कार्रवाई कराते हैं तो किसी मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष को एकसाथ रखने में भी वह सफल रहते हैं। अयोध्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट से आने वाला बहुचर्चित फैसला या तीन तलाक के मामले पर आने वाला फैसला हो, उस वक़्त वह मुरादाबाद में कार्यरत थे, अति संवेदनशील जिले की श्रेणी में आने वाले मुरादाबाद में पूरी तरह शांति बनी रही।

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