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लॉकडाउन में मोबाइल बना वक्त गुजारने का सहारा, कहीं आप भी तो नहीं दे रहे बीमारियों को न्याेता; ऐसे करें इलाज

मोबाइल पर 15 से 17 घंटे बिताने वाले युवाओं को आंखों में जलन के अलावा सिरदर्द गर्दन दर्द चक्कर आना और चिड़चिड़ेपन की शिकायत आम हो रही है। इस दौरान आंखों के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 07:58 PM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 07:58 PM (IST)
कोरोना कर्फ्यू के दौरान लगातार बढ़ रहे आंखों की समस्याओं के मरीज।

गाजियाबाद [शाहनवाज अली]। कोरोना संक्रमणकाल में घर पर समय बिताने के लिए मोबाइल, टीवी और लैपटॉप का सहारा ले रहे लोगों के लिए उनकी यह आदत घातक सिद्ध हो रही है। खासकर मोबाइल पर 15 से 17 घंटे बिताने वाले युवाओं को आंखों में जलन के अलावा, सिरदर्द, गर्दन दर्द, चक्कर आना और चिड़चिड़ेपन की शिकायत आम हो रही है। इस दौरान आंखों के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। संक्रमणकाल में घर पर समय बिता रहे सभी आयु वर्ग के लोग इस दौरान मोबाइल, टेलीविजन, लैपटाप और कंप्यूटर पर अपना ज्यादा समय बिता रहे हैं।

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घर पर 15 से 17 घंटे मोबाइल, टीवी व लेपटाप पर बिता रहे समय

वर्क फ्राम होम के चलते बहुत से लोग ज्यादातर समय मोबाइल पर आनलाइन और लैपटाप पर काम कर रहे हैं। वहीं, युवा सोशल मीडिया और मोबाइल गेम खेलने में मशगूल हैं। यही आदत उन्हें भारी पड़ रही है। इससे आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। यही आदत उन्हें मानसिक तनाव का भी शिकार बना रही है। आंखों में सूजन, लाली, पानी आना और तेज सिरदर्द के साथ उन्हें एंजाइटी जैसी बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है।

आनलाइन क्लास से बच्चे भी बने शिकार

स्कूल बंद होने के बाद पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय से बच्चों की आनलाइन क्लास जारी हैं। ऐसे में बच्चे कई-कई घंटे मोबाइल या लैपटाप स्क्रीन को टकटकी बांधे देखते रहते हैं। इससे उनकी आंखों के साथ सिरदर्द की समस्या भी बढ़ रही हैं। चिकित्सकों के मुताबिक लाकडाउन के समय से बच्चों की आंखों की समस्या बढ़ी है।

बढ़ रहीं हैं समस्याएं

  • आंख से पानी आने की समस्या
  • सुबह आंख कीचड़ से भर आना
  • आंखों में जलन और तेज सिरदर्द
  • मानसिक तनाव की समस्या
  • गर्दन दर्द की समस्या

ऐसे करें आंखों की देखभाल

  • मोबाइल, लेपटाप या टीवी देखते समय 15 या 20 मिनट के बाद 15 से 20 फीट दूरी की चीज 15 से 20 सेकेंड ध्यान केंद्रित करते रहें
  • मोबाइल, टेलीविजन आदि का उपयोग कम से कम करें
  • कंप्यूटर और लैपटाप पर काम करते समय पलकों को एक अंतराल के बीच झपकते रहें
  • हरी सब्जियों और विटामिनयुक्त फलों का सेवन करें
  • आंखों को दिन में कम से कम दो से तीन बार पीने योग्य पानी से धोएं
  • आंखों को आराम देने के लिए सात से आठ घंटे की नींद जरूरी

कोरोना कर्फ्यू के दौरान अधिकांश समय घर पर ही गुजर रहा है। इसकी वजह से ज्यादातर मोबाइल पर आनलाइन रहना पड़ता है। बाकी काम लैपटॉप के जरिये करना पड़ रहा है। ज्यादा समय मोबाइल की स्क्रीन देखने से आंखों के साथ सिर में भारीपन की परेशानी हो रही है। कई बार जलन भी महसूस होने लगती थी।

अंशुल त्यागी, टेक्नीकल लीडर निजी कंपनी

 

कोरोना के कारण घर से वर्क फ्राम होम के कारण घर से ही घर से ही काम कर रहा हूं। मोबाइल का इस बीच उपयोग काफी बढ़ गया है। काम के बाद भी सोशल साइट्स पर अपने लोगों से जुड़े रहने के लिए थोड़ा ज्यादा समय बीत रहा है। इस कारण आंख से पानी और सिरदर्द की शिकायत होने लगी है।

मुकुल गुप्ता, प्रबंधक निजी कंपनी

कोरोना काल में घर पर समय बिता रहे लोगों को मोबाइल, टेलीविजन का उपयोग कम करना चाहिए। खासकर बच्चों को इससे दूर रखें। इससे आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। मोबाइल फोन का लगातार उपयोग करने से आंखे ही नही बल्कि मस्तिष्क भी प्रभावित होता है। काम ना हो तो इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। लाकडाउन के दौरान हर आयु वर्ग के आंखों की समस्याओं से ग्रसित मरीजों की संख्या दोगुना हो गई है।

डॉ. नितिन दुआ, नेत्र रोग विशेषज्ञ


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