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जिले में बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के लिए CMO ने शासन को भेजा प्रस्ताव, 30, 50 और 100 बेड के बनने हैं अस्पताल

सीएमओ डा.भवतोष शंखधर ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा विकसित होने वाली आवासीय योजनाओं में पुलिस थाना चौकी स्कूल अस्पताल सड़क और पार्क के लिए पहले से ही जमीन आरक्षित की जाती है। पिछले कुछ समय से बढ़ती आबादी से अस्पताल निर्माण की जरूरत महसूस हो रही है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 20 Sep 2022 10:58 AM (IST)Updated: Tue, 20 Sep 2022 10:58 AM (IST)
जिले में बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के लिए CMO ने शासन को भेजा प्रस्ताव, 30, 50 और 100 बेड के बनने हैं अस्पताल
Medical News: जिले में 10 नए सरकारी अस्पताल बनाने का प्रस्ताव।

गाजियाबाद [मदन पांचाल]। जिले की बढ़ती आबादी के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग भी अब स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करने की तैयारी में जुट गया है। जीडीए द्वारा तैयार किए जा रहे मास्टर प्लान 2031 को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रशासन और जीडीए को प्रस्ताव भेजा है कि 30 बेड के तीन, 50 बेड के चार और 100 बेड के तीन नए अस्पताल बनाने बहुत जरूरी है।

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अगले 10 साल में शहर में आने वाली नई आबादी के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने अनुरोध किया है कि अलग-अलग क्षेत्रों में इन अस्पतालों के निर्माण के लिए अभी से ही जमीन आरक्षित करते हुए सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने पर विचार किया जाए।

सीएमओ डा.भवतोष शंखधर ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा विकसित होने वाली आवासीय योजनाओं में पुलिस थाना, चौकी, स्कूल, अस्पताल, सड़क और पार्क के लिए पहले से ही जमीन आरक्षित की जाती है। पिछले कुछ समय से बढ़ती आबादी से अस्पताल निर्माण की जरूरत महसूस हो रही है, पर जमीन के अभाव में अस्पतालों का निर्माण नहीं हो पा रहा है।

मेरठ रोड और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के आसपास आने वाले समय में तेजी से आवासीय योजनाएं विकसित होने की संभावनाओं को ध्यान में रखकर मास्टर प्लान बन रहा है। ऐसे में इन क्षेत्रों में भविष्य में सरकारी अस्पतालों की जरूरत होगी। प्रस्तावित अस्पतालों के लिए डासना, लोनी, साहिबाबाद, खोड़ा, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के किनारे, राजनगर एक्सटेंशन (मेरठ रोड), भोजपुर, रजापुर, दुहाई और अटौर क्षेत्र में जमीन आरक्षित करने का अनुरोध किया गया है।

पीएचसी की संख्या बढ़ेगी

विभाग जल्द ही शहरी क्षेत्रों में 30 से अधिक नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने पर विचार कर रहा है। शासन के निर्देश पर इस संबंध में सर्वे के बाद प्रस्तावित क्षेत्रों का चयन किया जा रहा है। इसके अलावा जिले में एक हजार से अधिक आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की भी तैयारी की जा रही है। सीएमओ ने बताया कि इसके लिए डा.आरके गुप्ता द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

एक छत के नीचे होंगी अधिकांश स्वास्थ्य जांच

जिला एमएमजी अस्पताल और संयुक्त अस्पताल में जल्द ही पैथोलाजी लैबों का विस्तार होगा। इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब्रोटरी (आइपीएचएल) योजना के तहत मरीजों को एक ही छत के नीचे सेहत संबंधी अधिकांश जांच की सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी है। इनमें कोरोना, डेंगू, मलेरिया, टाइफायड, हेपेटाइटिस, टीएलसी, हीमोग्लोबिन समेत 60 से अधिक जांच के लिए नए उपकरण लगाए जाएंगे।

शासन के निर्देश पर उक्त दोनों अस्पतालों में नई लैब निर्माण अथवा पुरानी लैब का विस्तार किए जाने के लिए एक टीम ने सोमवार को अस्पतालों में दौरा किया। इस दौरान संयुक्त अस्पताल में नई लैब बनाने का लेआउट प्लान भी बनाया गया। सीएमओ डा.भवतोष शंखधर ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट के बाद प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।

यह है मौजूदा स्थिति

-जिले में वर्तमान में तीन जिला अस्पताल, चार सीएचसी और 65 पीएचसी हैं

-तीन अस्पतालों का निर्माण किया जा रहा है

-साहिबाबाद में जमीन के अभाव में अस्पताल निर्माण अटका हुआ है

-संचालित अस्पतालों में अधिकांश जांच सुविधाएं उपलब्ध हैं।

-जिला एमएमजी अस्पताल में एमआरआइ सेंटर बनाने की तैयारी चल रही है


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