परीक्षा से तीन माह पहले सोशल मीडिया को लॉक कर मारी बाजी, दसवीं में मिले 99.2 फीसद अंक
गाजियाबाद की महक ने परीक्षा से तीन माह पहले सोशल मीडिया को लॉक कर 99.2फीसद अंक हासिल कर एक बेहतर मुकाम हासिल किया है।
गाजियाबाद [हसीन]। मेरठ रोड स्थित डीपीएसजी की छात्रा महक बंसल ने 99.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। परीक्षा से तीन माह पहले छात्रा ने सोशल मीडिया को लॉक कर यह मुकाम हासिल किया है। छात्रा ने पढ़ाई में इंटरनेट का भी सहारा लिया। छात्रा सीए बनना चाहती है। उसकी सफलता से परिवार व स्कूल में खुशी की लहर है।
पिता चलाते हैं बिजली की दुकान
नेहरू नगर द्वितीय निवासी छात्रा महक बंसल का कहना है कि उनके पिता सचिन बंसल विद्युत उपकरण की दुकान चलाते हैं। उनके दादा भी दुकान में पिता का सहयोग करते हैं। पढ़ाई के लिए उन पर माता-पिता का दबाव नहीं था। नौवीं कक्षा में उसने 98 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। दसवीं कक्षा की इंटरनल परीक्षा में उसका अच्छा प्रदर्शन नहीं था। इंटरनल परीक्षा में उसने 93 प्रतिशत अंक प्राप्त किए, लेकिन उसने मेहनत करनी नहीं छोड़ी। वह सुबह पांच बजे उठकर तीन घंटे पढ़ती थी। शाम को भी तीन घंटे पढ़ती थी। रात को दस बजे सो जाती थी।
पढ़ाई के लिए बनाई विषयवार सारणी
उसने पढ़ाई के लिए विषयवार समय सारणी बना रखी थी। गणित व विज्ञान विषय का ट्यूशन भी लिया था। पढ़ाई के वक्त उसे घर में परिवार का खूब सहयोग मिलता रहा। हालांकि, उसने पढ़ाई के दौरान शादी-पार्टी में जाने से दूरी बना ली थी। वह सोशल मीडिया पर सक्रिय रहती थी। मगर परीक्षा से तीन माह पहले उसने सभी सोशल साइट्स का इस्तेमाल करना बंद कर दिया। उसे बास्केट बॉल व शतरंज खेल पसंद हैं। स्कूल स्तर पर उसने कई बास्केट बॉल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। आज परीक्षा परिणाम घोषित होने से पहले उनकी माता नीता बंसल ने पूजा अर्चना कर भगवान से उनके लिए प्रार्थना की।
वेबसाइट हैंग होने के कारण रिजल्ट देखने में हुई परेशानी
वह परिवार के साथ दाेपहर 1:50 बजे वेबसाइट पर परीक्षा परिणाम देखने की कोशिश कर रही थी। वेबसाइट व्यस्त होने के कारण खुल नहीं रही थी। इस दौरान स्कूल से फोन कर उसके परीक्षा परिणाम के बारे में बताया गया। 99.2 प्रतिशत अंक प्राप्त करने की खबर मिलते ही मां की आंखें खुशी से छलक पड़ी। इसके बाद पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। दुकान पर पिता को फोन कर सफलता की सूचना दी गई तो वह भी घर की तरफ दौड़ पड़े। इसके बाद परिचितों व रिश्तेदारों द्वारा फोन कर सफलता की बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया।