सेवा मित्र एप से घर बैठे मिलेगा रोजगार, जिला सेवायोजन अधिकारी ने बताया कैसे दूर होगी बेरोजगारी
Lockdown4 रोजगार से जुड़े मुद्दे पर दैनिक जागरण के हसीन शाह ने जिला सेवायोजन अधिकारी एसके सिंह से बातचीत की।
गाजियाबाद। लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए है। कारीगर अपने घरों पर बैठे हुए हैं। इस समय रोजगार बड़ा मुद्दा बना हुआ है। ऐसे में सेवायोजन विभाग के लिए लोगों को फिर से रोजगार दिलाना बड़ी चुनौती है। पिछले साल विभाग की तरफ से 2400 से अधिक युवाओं को मेला लगाकर रोजगार दिलाया था। मगर कोरोना में रोजगार मेला भी नहीं लगाया जा सकता हैं। विभाग अब ऑनलाइन रोजगार मेले का आयोजन करने पर विचार कर रहा है। रोजगार से जुड़े मुद्दे पर दैनिक जागरण के हसीन शाह ने जिला सेवायोजन अधिकारी एसके सिंह से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश
कोरोना काल में लोगों को रोजगार दिलाना चुनौती है। आप इस समस्या से कैसे निपटेंगे?
लॉकडाउन के कारण काफी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं। मगर यह स्थाई नहीं है। कंपनियां खुलनी शुरू हो गई है। फिर से व्यवस्था पटरी पर लौट रही है। विभाग की तरफ से कामगारों का डाटा जुटाया जा रहा है। इन लोगों को फिर से नौकरी दिलाई जाएगी। उनकी प्राथमिकता है की जनपद में कोई भी सक्षम व्यक्ति बेरोजगार न रहे। सबको काम दिलाया जाएगा।
रोजगार मेले से कोरोना संक्रमण का खतरा है। मेले का आयोजन किस प्रकार होगा?
अभी विभाग की तरफ से दफ्तर में रोजगार मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा। हम ऑनलाइन मेले का आयोजन करने की योजना बना रहे हैं। ऑनलाइन ही युवाओं का साक्षात्कार के बाद चयन होगा। लिखित परीक्षा भी ऑनलाइन ही होगी। चयनित लोगों को सीधा कंपनी में नौकरी पर भेज दिया जाएगा। बेरोजगार सेवायोजन विभाग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
लॉकडाउन में कारीगरों को रोजगार की क्या संभावनाएं हैं?
विभाग की तरफ से सेवा मित्र एप पर लांच किया गया था। इस पर कारीगर मुफ्त में रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। जिस किसी व्यक्ति को अपने घर पर काम कराना होगा उसे ऐप पर नजदीक में रहने वाले कारीगर का नंबर मिल जाएगा। लोग कॉल कर घर बैठे प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, कारपेंटर, पेंटर, ड्राइवर, स्वीपर, मेड, नौकर, कोरियर ब्वॉय, मोटर मैकेनिक, कुक, काउंटर ब्वॉय, टेलीकॉलर समेत 50 से ज्यादा सेवाएं ले सकेंगे। इससे कारीगरों को घर बैठे काम मिल जाएगा। इसमें विभाग की कोई फीस और कोई बिचौलिया नहीं होगा। लखनऊ से एप हैंडल किया जा रहा है। एप पर कारीगर की लोकेशन भी दिखाई देगी। इससे लेबर चौक पर जो भीड़ लगती है, उसे भी कम किया जा सकेगा। क्योंकि भीड़ से कोरोना संक्रमण का खतरा रहता है।
लोगों को एप के बारे में जानकारी नहीं है। बेरोजगारों को एप के बारे में कैसे पता चलेगा?
यह सही है कि अभी लोगों को इस एप के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। लॉकडाउन से कुछ दिन पहले ही इस एप को लांच किया गया था। मगर अब इसका प्रचार प्रसार किया जाएगा। इसके लिए शहर के चौराहों पर होर्डिंग्स लगवाए जाएंगे। सोशल मीडिया के द्वारा भी इसका प्रचार किया जाएगा।
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या होगी?
सेवायोजन विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण करते वक्त अभ्यर्थी को यूजर नाम व पासवर्ड भरना होगा। इसके बाद उसमें शिक्षा, अनुभव, कौशल, वरियता, योग्यता व अन्य दस्तावेजों आदि की जानकारी भरनी होगी। इसी प्रकार निजी संस्थानों को यह पोर्टल पर बताई गई जानकारी भरनी होगी। उन्हें अपने यहां खाली व भरी रिक्तियों की जानकारी भी देनी होगी। पंजीकरण के बाद उसका प्रिंट्र भी निकालना होगा।
कौन हैं जिला सेवायोजन अधिकारी एसके सिंह
जिला सेवायोजन अधिकारी एसके सिंह का जन्म जौनपुर में हुआ। जौनपुर में ही उनकी प्रारंभिक शिक्षा संपन्न हुई। बीएचयू से उन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की। इसके बाद उन्होंने पीसीएस की तैयारी शुरू कर दी। साल 2002 में उनका पीसीएस परीक्षा में सफलता मिली। पहली तैनाती बस्ती में सहायक सेवायोजन अधिकारी के पद पर हुई। कुछ दिन बाद बस्ती में ही वह जिला सेवायोजन अधिकारी बन गए। उनकी तैनाती संतकबीर नगर में भी रही। साल 2019 में वह गाजियाबाद के जिला सेवा योजन अधिकारी बने।