दिल्ली से सटे यूपी के इस शहर में मकान, फ्लैट और दुकान में लिखा जाएगा 'अवैध', जानिए- क्यों
दिल्ली से सटे इंदिरापुरम की नौ कॉलोनियों में नक्शे के बगैर बने मकान फ्लैट और दुकान की रजिस्ट्री में ‘अवैध’ लिखा जाएगा।
गाजियाबाद, जेएनएन। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (Ghaziabad Development Authority) की नौ कॉलोनियों में नक्शे के बगैर बने मकान, फ्लैट और दुकान की रजिस्ट्री में ‘अवैध’ लिखा जाएगा। सोमवार को जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने अपने कार्यालय में इन कॉलोनियों में अवैध निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए एआइजी स्टांप के साथ बैठक की। उनके समक्ष प्रस्ताव रखा कि अवैध निर्माण की रजिस्ट्री न की जाए। एआइजी स्टांप ने कहा कि रजिस्ट्री पर रोक नहीं लगाई जा सकती, लेकिन उस पर यह लिखा जा सकता है कि निर्माण का नक्शा स्वीकृत नहीं है। इसके लिए रजिस्ट्री करते वक्त जीडीए से एनओसी ली जा सकती है। यह भी बताया कि एनओसी के लिए जीडीए को दो दिन से ज्यादा का वक्त नहीं दिया जा सकता।
इंदिरापुरम की लिस्ट सौंपी
हाल में जीडीए ने इंदिरापुरम का सर्वे कराया है। उसमें 264 इमारतें चिह्नित की गई हैं। जोकि, बिलिं्डग बायलॉज का उल्लंघन कर बनाई गई हैं। उसमें तीन से पांच यूनिट के बजाए उससे ज्यादा फ्लैट बना रखे हैं। इन इमारतों की लिस्ट जीडीए ने एआइजी स्टांप को सौंप दी है। इनकी रजिस्ट्री से पहले स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग जीडीए से एनओसी लेगा। जीडीए ने उन्हें बताया है कि जल्द सभी कॉलोनियों में सर्वे कराया जाएगा। उसके बाद उनमें नक्शे के विपरीत और अवैध बनी इमारतों की सूची उन्हें दे दी जाएगी।
ये हैं नौ कॉलोनी
इंदिरापुरम, कौशांबी, वैशाली, शालीमार गार्डन, स्वर्णजयंतीपुरम, गोविंदपुरम, कपरूरीपुरम, प्रताप विहार और शास्त्रीनगर में फ्लोर बनाने की इजाजत है। इन कॉलोनियों में 150 से 300 वर्ग मीटर के प्लॉट पर तीन यूनिट बनाई जा सकती हैं। 301 से 400 वर्ग मीटर के प्लॉट पर चार और इससे ऊपर 500 वर्ग मीटर तक पांच यूनिट बनाने की अनुमति है। बिल्डरों के धोखे से बचाने के लिए जीडीए लोगों को जागरूक करेगा।
आशीष शिवपूरी (सीएटीपी, जीडीए) के मुताबिक, जीडीए में वीसी और एआइजी स्टांप के बीच हुई वार्ता- जीडीए ने रजिस्ट्री पर रोक लगाने का आग्रह किया था स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग से आग्रह किया गया था कि जीडीए की कॉलोनियों में अवैध इमारतों की रजिस्ट्री न की जाए। एआइजी स्टांप ने बताया कि रजिस्ट्री पर रोक नहीं लगाई जा सकती। रजिस्ट्री में यह लिखा जा सकता है कि निर्माण मानचित्र स्वीकृत है या नहीं।