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Kisan Andolan: राकेश टिकैत के आंसू आए काम, मिल सकता है 21वीं सेंचुरी आइकान अवार्ड

Kisan leader Rakesh संयुक्त किसान मोर्चा के अहम नेताओं में शुमार भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत 21वीं सेंचुरी आइकॉन अवार्ड के फाइनलिस्ट बन गए हैं। बताया जा रहा है कि ब्रिटेन की राजधानी लंदन में आगामी 10 दिसंबर को विजेताओं की घोषणा की जाएगी।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 09:09 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 09:11 AM (IST)
Kisan Andolan: राकेश टिकैत के आंसू आए काम, मिल सकता है 21वीं सेंचुरी आइकान अवार्ड
Kisan Andolan: राकेश टिकैत के आंसू आए काम, मिल सकता है 21वीं सेंचुरी आइकान अवार्ड

नई दिल्ली/गाजियाबाद, आनलाइन डेस्क। दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बार्डर पर तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे धरने की अगुवाई करने वाले राकेश टिकैत अब एक नई वजह से चर्चा में हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा के अहम नेताओं में शुमार भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत 21वीं सेंचुरी आइकॉन अवार्ड के फाइनलिस्ट बन गए हैं। बताया जा रहा है कि ब्रिटेन की राजधानी लंदन में आगामी 10 दिसंबर को विजेताओं की घोषणा की जाएगी। यह भी जानकारी मिली है कि कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद लंदन की कंपनी ने अवार्ड के लिए राकेश टिकैत का नामांकन किया। दरअसल, इतना लंबा किसान आंदोलन चलाने और आंदोलन को जीवंत रखने की वजह से राकेश टिकैत का चयन किया गया है।

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आंसुओं की वजह से अचानक राकेश टिकैत आ गए लाइमलाइट में

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं में शुमार किसान नेता राकेश टिकैत अचानक ही किसान आंदोलन के केंद्र में आ गए। इसकी वजह थी उनके चंद आंसू। दरअसल, 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान तथाकथित किसानों ने दिल्ली में प्रवेश कर मर्यादा की सारी सीमाएं पार कर दीं। दिल्ली में घुसे इन तथाकथित किसानों ने न केवल जबरदस्त हिंसा फैलाई, बल्कि लाल किला की प्राचीर पर तिरंगा के बगल में एक अन्य झंडा फहरा दिया। इसके साथ दिल्ली पुलिस के जवानों पर भी हमला किया।

इसकी तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए तो आम जनता में भी किसान प्रदर्शनकारियों के प्रति गुस्सा व्याप्त हो गया। इसके बाद 26 जनवरी के अगले कुछ दिनों में लगने लगा कि किसान आंदोलन खत्म होने वाला है। संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े कुछ संगठनों ने हिंसक प्रदर्शन से दुखी होकर आंदोलन से खुद को अलग कर लिया। इस बीच कहीं से यह अफवाह फैली कि एक नेता यूपी बार्डर की ओर आ रहे हैं। यह भी कहा गया है कि किसानों से मारपीट की भी योजना है। इस दौरा गाजियाबाद प्रशासन ने यूपी गेट खाली करने के लिए प्रदर्शनकारियों को अल्टीमेटम दिया था और राकेश टिकैत भी राजी थी। लेकिन भाजपा नेता की 'धमकी' बहाने एक प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया।

इसमें मीडिया से बातचीत के दौरान राकेश टिकैत फूट-फूटकर रोते दिखे। बातचीत में राकेश टिकैत के आंसू ही थे जिस कारण किसानों का इरादा बदल गया। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रेस को रोते हुए और भावुकता के साथ संबोधित किया। उन्होंने कह दिया कि यहां अत्याचार हो रहा है लेकिन हमाना आंदोलन जारी रहेगा। इन कानूनों को वापस लिया जाए वरना राकेश टिकैत आत्महत्या करेगा. भाजपा पर आरोप लगाते हुए टिकैत ने कहा कि यहां भाजपा के विधायक 300 लोगों के साथ लाठी डंडे के साथ आए हुए हैं।


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