Ghaziabad: रक्षाबंधन पर सुबह से ही पूरा शहर जाम, डायवर्जन भी फेल; इन रास्तों से गुजरे तो होगी बहुत मुश्किल
Ghaziabad Traffic News रक्षाबंधन के पर्व को लेकर गाजियाबाद में जाम की स्थिति बनी हुई है। हालांकि पुलिस ने इस स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही डायवर्जन प्लान लागू किया है। आज कुछ रास्तों से गुजरने पर आपको लंबे जाम का सामना करना पड़ सकता है।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। रक्षाबंधन को लेकर शहर में बुधवार सुबह से ही जाम की स्थिति है। रक्षाबंधन के दिन भी शहर के हर प्रमुख मार्ग पर जाम लगा हुआ है। वाहनों के बढ़ते दबाव को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने बुधवार देर रात 11:45 बजे डायवर्जन प्लान लागू किया था, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हुआ।
एनएच-9 पर चिपियाना आरओबी के काम के कारण स्थिति और भी खराब हो रही है। इसीलिए दिल्ली से हापुड़ की ओर जाने वाले लोग एनएच-9 व दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के बजाय यूपीगेट से एलिवेटेड रोड होते हुए राजनगर एक्सटेंशन, हापुड़ चुंगी व डासना आरओबी या आत्माराम स्टील होकर जाएं। हापुड़ से बुलंदशहर जाने के लिए भी लालकुआं के बजाय ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे (ईपीई) से होकर जाएं।
बहनें आपातकालीन खिड़की से घुसीं तो भाइयों ने ट्रेन की छत पर की यात्रा
रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाई और भाई अपनी बहनों के पास जाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। आटो व बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशन तक त्योहार की भीड़ दिखाई दे रही है। गाजियाबाद जंक्शन पर बुधवार को त्योहार की भीड़ के साथ रेलवे पुलिस की लापरवाही भी दिखी। बहनें आपातकालीन खिड़कीं से ट्रेन में दाखिल हुईं तो वहीं भाइयों को ट्रेन की छत व डिब्बों के बीच वाली जगह पर यात्रा करनी पड़ी।
आरपीएफ व जीआरपी के जवान देखकर भी मौन दिखे। रक्षाबंधन के अवसर पर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की संख्या में करीब चार गुना का इजाफा हुआ है। बुधवार को कोरोना महामारी से पहले जैसा माहौल दिखा। लंबी दूरी की ट्रेनों के साथ ही लोकल ट्रेनों में भी प्रवेश करने के लिए मारामारी रही। सुबह से लेकर देर रात तक स्टेशन पर यात्रियों की आवाजाही रही।
रक्षाबंधन से पहले रेलवे ने कई लोकल ट्रेनों को शुरू किया है, जिनके चक्के कोरोना महामारी के कारण जाम थे। हालांकि अभी भी पहले जितनी ट्रेन नहीं हैं और रक्षाबंधन पर हर साल दिल्ली व अलीगढ़ के बीच चलने वाली विशेष ट्रेन भी इस बार नहीं चलाई गईं, जिस कारण लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड़ी।