Noida News: 12 साल की किशोरी के साथ दरिंदगी के मामले में कोर्ट ने सुनाई 10 वर्ष की कठोर कारावास
गाजियाबाद के खोड़ा में 2014 में हुई 12 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। दोषी अमित उर्फ टोनी को 10 साल की कठोर कारावास ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। खोड़ा में 12 वर्षीय किशोरी के साथ हुई दरिंदगी के मामले में बृहस्पतिवार को विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) दीपिका तिवारी की कोर्ट संख्या दो में अंतिम सुनवाई हुई। दोषी को 10 वर्ष की कठोर कारावास और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।
बेटी को इंसाफ के लिए 11 वर्ष का इंतजार करना पड़ा। मकान मालिक के बेटे ने किशोरी का मुंह दबाकर दरिंदगी की थी। रक्तस्राव अधिक होने पर बेटी की हालत नाजुक होने पर वह चार दिन तक अस्पताल में भर्ती रही थी।
विशेष लोक अभियोजन संजीव कुमार बखरवा ने बताया कि दीपक विहार खोड़ा की महिला ने पुलिस को बताया था कि वह छह वर्ष से पुष्पा के मकान के मकान में किराये पर रह रही थी। इस मकान में भूतल पर मकान मालिक की दुकान थी। महिला 10 अक्टूबर 2014 को घर पर बच्चों को छोड़कर बाजार गई थी। उनकी 12 वर्षीय बेटी खेल रही थी।
मकान मालकिन पुष्पा ने बेटी को सामान लेकर द्वितीय तल पर भेजा। वहां पुष्पा के बेटे अमित उर्फ टोनी ने बेटी को कमरे जबरन खींच लिया। कमरा बंद कर बेटी के साथ दुष्कर्म किया। जब महिला घर लौटी तो बेटी आपत्तिजनक स्थिति बेहोश थी।
प्राइवेट पार्ट से रक्तस्राव हो रहा था। वह बेटी को नोएडा के एक अस्पताल लेकर पहुंची। डाक्टरों ने बेटी को लोक नायक अस्पताल दिल्ली रेफर कर दिया। कई दिन तक वह गुमसुम रही। तीन-चार दिन बाद बेटी ने बताया कि टोनी ने उसका मुंह बंद करके दुष्कर्म किया। इसके बाद उन्होंने मकान मालकिन पुष्पा को इसके बारे में बताया।
पुष्पा के पति नरेंद्र और उसके दोनों बेटों ने इसके बारे में किसी को न बताने की बात कही। पुष्पा ने पुलिस से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता की तहरीर पर इंदिरापुरम थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई।
घटना की विवेचना सब इंस्पेक्टर महेश कुमार मिश्रा ने अमित उर्फ टोनी के खिलाफ दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट, एससी एसटी एक्ट व पुष्पा के खिलाफ धमकी की धारा में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। कोर्ट ने साक्ष्य के आधार पर सजा सुनाई
दोषी को मिली यह सजा
दोषी को सजा दिलाने में अभियाेजन पक्ष और पुलिस की अहम भूमिका रही। कोर्ट में दोनों पक्षों को अधिवक्ता को सुनने के बाद अमित उर्फ टोनी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (1) के तहत 10 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई। दोषी पर 25 हजार रुपये के जुर्माना लगाया। जुर्माना न देने पर दोषी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
वहीं भारतीय दंड संहिता की धारा 342 के तहत दोषी को एक वर्ष का कठोर कारावास व एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना जमा नहीं करने पर 15 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोषी की दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।

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