वेस्ट यूपी के गाजियाबाद में इन दिनों खूब चर्चा में हैं पूर्व सांसद अतीक अहमद, जानिये- पूरा मामला
Former MP Atiq Ahmed पूर्व विधायक वहाब चौधरी और सपा नेता परवेज चौधरी के बीच का विवाद इन दिनों किसी से छिपा नहीं है। दोनों ओर से प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से लगातार शिकायतें कीं व कराई जा रही हैं और तनाव लगातार बढ़ रहा है।
नई दिल्ली/मुरादनगर, जागरण संवाददाता। कहते हैं जब समय विपरीत आता है तो अपने भी मुंह फेर लेते हैं। इसका जीता जागता उदाहरण इन दिनों मुरादनगर में देखने को मिल रहा है। माफिया अतीक अहमद कभी पूर्व विधायक वहाब चौधरी व उससे जुड़े तमाम लोगों का खास हुआ करता था, लेकिन अब अतीक अहमद के नाम का इस्तेमाल एक दूसरे को फंसाने के लिए किया जा रहा है। पूर्व विधायक वहाब चौधरी और सपा नेता परवेज चौधरी के बीच का विवाद इन दिनों किसी से छिपा नहीं है। दोनों ओर से प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से लगातार शिकायतें कीं व कराई जा रही हैं और तनाव लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में वहाब हत्या के मामले में जेल गया है। वहाब के परिवार के लोगों की मानें तो वहाब हत्या में शामिल नहीं है, उसको परवेज पक्ष के इशारे पर पुलिस ने फंसाया है। इसके बाद तनातनी और बढ़ गई है। हाल ही में परवेज पक्ष की कई शिकायतें हुई हैं, जिसमें उनपर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया गया है। एक दूसरे पर कानूनी शिकंजा कसवाने के लिए दोनों ओर से पूरी कोशिश हो रही है।
परवेज पक्ष का दावा है कि उनके द्वारा सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा नहीं किया गया है। यह सब उनकी हत्या कराने के लिए हो रहा है। इसमें सबसे खास बात यह है कि माफिया अतीक अहमद जो इन दिनों गुजरात की जेल में बंद है, उसका रिश्तेदार एक दूसरे को बताया जा रहा है। इसके फोटो भी वायरल किए जा रहे हैं। परवेज पक्ष ने एक फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल किया, जिसमें अतीक अहमद के साथ वहाब बैठा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि वहाब की दो भतीजियां अतीक अहमद के सगे भांजों से ब्याही गई हैं। इसलिए उसकी अतीक से नजदीकी है।
ऐसा ही दावा वहाब पक्ष की ओर से भी किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि परवेज अतीक के नजदीकी रिश्तेदार हैं। हालांकि, परवेज पक्ष का कहना है कि उनकी कोई रिश्तेदारी अतीक से नहीं है। केवल मुलाकात है। रिश्तेदारी का कोई प्रमाण भी नहीं है। हालांकि, जो फोटो वहाब पक्ष की तरफ से वायरल किया गया है, उसमें परवेज चौधरी अतीक के पास खड़े नजर आ रहे हैं। अब कितनी नजदीकी है , यह तो दोनों पक्ष ही जानते हैं, लेकिन फिलहाल जो स्थिति बनी हुई है, उसमें साफ है कि अतीक के नाम का इस्तेमाल एक दूसरे को फंसाने के लिए किया जा रहा है। वैसे जानकार बताते हैं कि अतीक जब भी गाजियाबाद आता था, इन लोगों के यहां उसकी दस्तक जरूर होती थी, लेकिन आज समय बदला तो अतीक से रिश्तेदारी होने से सभी कन्नी काटते नजर आ रहे हैं।