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क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर पांच सौ लोगों को ठगा, चार गिरफ्तार

साइबर सेल और साहिबाबाद पुलिस ने शुक्रवार शाम मोहन नगर से क्रेडिट कार्ड बनाने और लिमिट बढ़ाने के नाम पर आनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को दबोचा है। सरगना साथी सहित फरार है। उनकी तलाश की जा रही है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 08 Jan 2022 04:05 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jan 2022 04:05 PM (IST)
क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर पांच सौ लोगों को ठगा, चार गिरफ्तार
एप डाउनलोड कराकर क्रेडिट कार्ड से 29700 रुपये की आनलाइन ठगी की।

साहिबाबाद [अवनीश मिश्र]। साइबर सेल और साहिबाबाद पुलिस ने शुक्रवार शाम मोहन नगर से क्रेडिट कार्ड बनाने और लिमिट बढ़ाने के नाम पर आनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को दबोचा है। सरगना साथी सहित फरार है। उनकी तलाश की जा रही है।

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एप डाउनलोड करा कर की ठगी

पुलिस अधीक्षक ट्रांस हिंडन ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि साहिबाबाद के नीरज शर्मा को 10 नवंबर को ठगों ने इंटरनेट काल करके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का झांसा दिया। एप डाउनलोड कराकर क्रेडिट कार्ड से 29700 रुपये की आनलाइन ठगी की। मामले की साइबर सेल ने ट्रांजेक्शन के आधार पर जांच शुरू की। पता चला कि ठगों ने आनलाइन शापिंग की है। उसके आधार पर शुक्रवार को चार ठगों दिव्यांशु ठाकुर, सनी कश्यप, अंकित यादव और निशांत माथुर को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में पता चला कि चारों आरोपित गिरोह के सरगना आनंद और वसीम के साथ मिलकर ठगी करते थे। आनंद और वसीम की तलाश की जा रही है।

जनकपुरी में खोला था कार्यालय

पुलिस क्षेत्राधिकारी साहिबाबाद सहायक पुलिस अधीक्षक अभिजीत आर शंकर ने बताया कि आरोपित पचौरियान, कासगंज का दिव्यांशु ठाकुर एमबीए पास है। वह पूर्व में क्रेडिट कार्ड कंपनी में प्रबंधक था। वह क्रेडिट कार्ड धारकों का विवरण ठगों को बेचता था। कुछ दिन पहले नौकरी छोड़कर आनंद के साथ मिलकर जनकपुरी में खुद का कार्यालय खोल लिया। आनंद को फर्जी सिम, इंटरनेट कालिंग व एप से ठगी करने का तरीका बताता था। ठगी के रकम का 50 फीसद हिस्सा उसे मिलता था। बीएससी पास इब्राइमपुर बिंद नालंदा, बिहार का सनी कश्यप कार्यालय में टीम लीडर के रूप में काम करता था। वह कार्यालय की देखरेख, फर्जी वालेट अकाउंट व फर्जी बैंक खातों की व्यवस्था करता था। 12वीं पास कंगरौल थाना मलावन एटा का अंकित यादव व मोहन गंदा नाला कासगंज का निशांत माथुर लोगों को इंटरनेट कालिंग करता था। उन्हें 15 हजार रुपये प्रति माह वेतन मिलता था। उन्होंने बताया कि आरोपितों से पूछताछ की गई है। संभावना है कि ठगों डिजिटल करेंसी में रुपये इनवेस्ट किए हैं। उसकी जांच की जा रही है।

एप के जरिये करते थे ठगी

साइबर सेल के नोडल अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक अभय कुमार मिश्र ने बताया कि आरोपित बहुत ही शातिर हैं। वह लोगों को जोइपर एप से इंटरनेट काल और टेक्सट मैसेज भेजकर आरबीएल मेक्सिमा एप डाउनलोड कराते थे। उनके क्रेडिट कार्ड का पैसा मर्चेंट वालेट जैसे नोब्रोकर, फ्रीचार्ज, मैजिक ब्रिक्श आदि में ट्रांसफर कर लेते थे। वहां से शापिंग में प्रयोग करते थे। अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते थे। अब तक की जांच में आया है कि गिरोह ने पांच सौ लोगों से 70 लाख रुपये की ठगी की है। पूरा विवरण जुटाया जा रहा है।

लालच देकर फंसाया

साहिबाबाद कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नागेंद्र चौबे ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों को आनंद और वसीम ने अधिक पैसे कमवाने का लालच देकर गिरोह में शामिल किया। जनकपुरी में उन्हें किराए पर घर दिया। उसमें चारों आरोपित रहते थे। उसे ही कार्यालय के रूप में भी प्रयोग करते थे। उनके पास से 26 माेबाइल, दो लैपटाप, 102 सिम, तीन पासबुक, सात एटीएम, तीन पैन कार्ड, पांच आधार कार्ड, एप्पल आइपाड, मतदाता पहचान पत्र बरामद हुआ है।


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