सिद्धार्थ विहार स्थित गंगा, यमुना, हिंडन अपार्टमेंट सोसाइटी में रहने वाले डाक्टरों की बदौलत सोसायटी ने जीती कोरोना के खिलाफ जंग, नहीं फैल पाया वायरस
स्थानीय निवासियों ने सोसायटी में कोरोना के पैर नहीं जमने दिए। यहां एक भी व्यक्ति की सांसों की डोर नहीं टूटी। प्रारंभ में सोसायटी के नौ लोग संक्रमित हुए थे जिनमें सात मरीज ठीक हो चुके हैं। अब दो मरीज संक्रमित बचे हैं वो कोरोना को हराने के नजदीक हैं।
गाजियाबाद [हसीन शाह]। सिद्धार्थ विहार स्थित गंगा यमुना हिंडन अपार्टमेंट के निवासियों की उम्दा प्लानिंग के आगे कोरोना मात खा गया। स्थानीय निवासियों ने सोसायटी में कोरोना के पैर नहीं जमने दिए। यहां एक भी व्यक्ति की सांसों की डोर नहीं टूटी। प्रारंभ में सोसायटी के नौ लोग संक्रमित हुए थे, जिनमें सात मरीज ठीक हो चुके हैं। अब महज दो मरीज संक्रमित बचे हैं, जो कोरोना को हराने के नजदीक हैं।
सोसायटी में 12 टावर में एक हजार से अधिक लोग निवास करते हैं। अप्रैल के प्रारंभ में कोरोना की दूसरी लहर रफ्तार पकड़ी थी। ऐसे में सोसायटी के चार डॉक्टर और एओए पदाधिकारियों ने मोर्चा संभाल लिया। डॉक्टरों की टीम ने लोगों को एहतियात बरतने की हिदायत दी। वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सोसायटी निवासियों को व्यायाम करने, भाप लेते रहने और खान-पान में बदलाव करने के बारे में बताया जाता रहा। जो लोग संक्रमित हुए डॉक्टरों ने उनका घर पर ही उपचार शुरू कर दिया। शारीरिक दूरी सहित अन्य नियमों का सख्ती से पालन कराया गया। एओए प्रतिदिन सोसायटी व लिफ्ट को सैनिटाइज करा रही है। निशुल्क लोगों को मास्क बंटवाए जा रहे हैं।
सोसायटी में बनाया आइसोलेशन सेंटर
सोसायटी में एक आइसोलेशन सेंटर बनाया गया। इसमें दो ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की गई। सोसायटी निवासियों की सतर्कता से किसी भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति का ऑक्सीजन स्तर कम नहीं हुआ। किसी को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ी। जबकि शहर की अधिकतम सोसायटियों में कई कोरोना संक्रमितों की मौतें हो चुकी हैं।
नहीं लगाया सेल्फ लॉकडाउन
शहर की कई सोसायटियों ने सेल्फ लॉकडाउन लगा दिया। इसके बावजूद भी इन सोसायटियों में कोरोना से मौत हो गई। गंगा यमुना हिंडन अपार्टमेंट में सेल्फ लॉकडाउन नहीं लगाया और न ही किसी बाहर से आने वाले वेंडर पर रोक लगाई। लेकिन वेंडरों की थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क व सैनिटाइज करने के बाद ही सोसायटी में प्रवेश दिया गया।
अन्य बीमारियों के मरीजों को भी अस्पताल नहीं जाने दिया
सोसायटी में रहने वाले कुछ लोगों को अन्य कई तरह की बीमारियां थी। लेकिन यहां रहने वाले डॉ. वालिया मुर्शिदा हुदा, डा. वैभव सक्सेना, डॉ. विनय सिंह, डॉक्टर राना सिंह ने मरीजों को अस्पताल नहीं जाने दिया। डॉक्टरों ने अपने घर बुलाकर ही उनका निशुल्क उपचार किया। गर्भवती महिलाओं की डॉक्टरों ने खूब मदद की। डॉ वालिया कोरोना मरीजों का उपचार कर रही हैं।
मैं और सोसायटी के अन्य डॉक्टर निशुल्क कोरोना मरीजों का उपचार कर रहे हैं। हमने किसी मरीज को नाजुक हालत तक नहीं पहुंचने दिया। हमारी सोसायटी में कोरोना कंट्रोल में है।
- डॉ. वालिया मुर्शिदा हुदा, सोसायटी निवासी
हम लगातार सोसायटी को सैनेटाइज करा रहे हैं। सभी लोग कोरोना नियमों का पालन कर रहे हैं। सोसायटी में कोरोना से किसी की जान नहीं गई है।
यतेंद्र नागर, अध्यक्ष एओए
एओए की टीम लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए जागरूक कर रही है। यदि कोई बेवजह घर से बाहर निकलता हैं तो उसे टोका जाता है।
कीर्ति सिंह, सचिव, एओए