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UP: बड़े साहब के नए फरमान से बढ़ी डीएल आवेदकों की परेशानी, पढ़ें- क्या कहता है परिवहन विभाग

गाजियाबाद के संभागीय परिवहन अधिकारी अरुण कुमार ने इस संबंध में कहा कि आवेदकों को हो रही समस्या के संबंध में परिवहन मुख्यालय को पत्र भेज दिया गया है। मामले में कोई फैसला मुख्यालय स्तर से ही होगा।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 12:44 PM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 12:44 PM (IST)
UP: बड़े साहब के नए फरमान से बढ़ी डीएल आवेदकों की परेशानी, पढ़ें- क्या कहता है परिवहन विभाग
डीएल लेने के लिए लंबी दूरी तय कर संभागीय परिवहन कार्यालय आना पड़ता है।

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। बड़े साहब के नए फरमान से डीएल आवेदक परेशानी झेल रहे हैं। दरअसल, जिन आवेदकों के डीएल बनने के बाद घर पर किसी के न मिलने के कारण डाकिए द्वारा वापस कर दिए जाते थे। वह पहले लखनऊ जाते थे और फिर उक्त जिले के स्थानीय परिवहन कार्यालय में भेजे जाते थे लेकिन परिवहन आयुक्त ने कुछ समय पूर्व एक नया फरमान जारी किया, जिसके तहत ऐसे आवेदकों के डीएल अब सिर्फ संभागीय परिवहन कार्यालय में ही भेजे जा रहे हैं।

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ऐसे में आवेदकों को डीएल लेने के लिए लंबी दूरी तय कर संभागीय परिवहन कार्यालय आना पड़ता है। गाजियाबाद संभागीय परिवहन कार्यालय में बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर व हापुड़ के आवेदकों के प्रतिमाह 400-500 डीएल पहुंच रहे हैं। आवेदकों को लंबी दूरी तय कर डीएल लेने के लिए बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर व हापुड़ से परेशानी झेलकर गाजियाबाद आना पड़ता है।

क्या बोले परेशान लोग

मामला : एक

बुलंदशहर के रहने वाले अमित कुमार शनिवार को तीसरी बार अपना डीएल लेने के लिए गाजियाबाद संभागीय परिवहन कार्यालय पहुंचे थे लेकिन लखनऊ से न आ आने के कारण शनिवार को भी उन्हें डीएल नहीं मिल सका।

मामला : दो

हापुड़ के रहने वाले अंकित ने बताया कि उन्होंने कुछ दिन पूर्व हापुड़ स्थित उप संभागीय परिवहन कार्यालय में जाकर डीएल बनवाया था। डीएल जब उनके घर आया तो वह किसी काम से बाहर गए हुए थे। डाकिए ने डीएल वापस कर दिया। शनिवार को वह डीएल लेने के लिए दूसरी बार गाजियाबाद संभागीय परिवहन कार्यालय पहुंचे थे लेकिन डीएल नहीं मिला।

संभागीय परिवहन अधिकारी गाजियाबाद अरुण कुमार ने इस संबंध में कहा कि आवेदकों को हो रही समस्या के संबंध में परिवहन मुख्यालय को पत्र भेज दिया गया है। मामले में कोई फैसला मुख्यालय स्तर से ही होगा। 


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