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मियावाकी तकनीक से सोसायटी में जंगल विकसित कर रहे हैं लोग, खाली जगह पर लगाए 400 पौधे Ghaziabad News

सोसायटी में विकसित किए जा रहे जंगल में 40 मीटर तर ऊंचाई तक जाने वाले बहेड़ा के पौधे निश्चित दूरी पर लगाए गए।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 03:22 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 03:22 PM (IST)
मियावाकी तकनीक से सोसायटी में जंगल विकसित कर रहे हैं लोग, खाली जगह पर लगाए 400 पौधे  Ghaziabad News
मियावाकी तकनीक से सोसायटी में जंगल विकसित कर रहे हैं लोग, खाली जगह पर लगाए 400 पौधे Ghaziabad News

साहिबाबाद (गाजियाबाद) [धनंजय वर्मा]। पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोग जागरूक हो रहे हैं। कौशांबी स्थित धौलागिरी अपार्टमेंट के लोगों मियावाकी तकनीक के तहत सोसायटी परिसर में खाली जगह पर सघन पौधे लगा कर जंगल विकसित कर रहे हैं। रविवार को लोगों ने फल-फूल देने वाले चार सौ पौधे लगाए। साथ ही लोगों ने पौधों की देखरेख करने का संकल्प भी लिया, जिससे ये पौधे न सूखें।

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धौलागिरी अपार्टमेंट में खाली जगह है। इस खाली जगह पर एक मीटर तक खोदाई कर लोगों ने उसमें जैविक खाद और जीवामृत मिलाया, जिससे पौधे रोपने के बाद जड़ें नींचे तक जाएं और पौधे जल्द विकसित हों। रविवार को सोसायटी में रहने वाले राजेश रंजन, संजय सरावगी, अनीता सरावगी, संजय सिंह, उमाशंकर, डॉक्टर केएस प्रसाद, पीएल सहगल, जीके दामिनी, राघवेंद्र, संजू, नीरजा, पप्पू रस्तोगी, बीसी रस्तोगी, शकुंतला, क्षितिजा, शोभा, उत्कर्ष, अल्का गौतम, जयश्री करनानी, रेनू प्रसाद, एएन चौधरी, मीनाक्षी जैन, मंजू शर्मा वीरबला रस्तोगी व अन्य ने मिलकर चार सौ पौधे लगाए।

इसके साथ ही लोगों ने संकल्प लिया कि वह पौधों की देखरेख करेंगे, जिससे एक भी पौधा सूखे ना। पौधरोपण करने वालों ने शहर के अन्य लोगों से अपील की कि इस सीजन में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर वातावरण की रक्षा करें।

ऊंचाई के आधार पर लगाए गए पौधे

राजेश रंजन का कहना है कि मियावाकी तकनीक में पौधों की ऊंचाई के आधार पर चार तरह के पौधे लगाए जाते हैं। इस तरह कम क्षेत्रफल में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर विकसित किया जाता है। सोसायटी में विकसित किए जा रहे जंगल में 40 मीटर तर ऊंचाई तक जाने वाले बहेड़ा के पौधे निश्चित दूरी पर लगाए गए। इसके बाद 25 से 30 मीटर तक की ऊंचाई तक जाने वाले पेड़ के पौधे - बरगद, पीपल, नीम, गूलर, आम, जामुन, सिरस, अमतास, सेमल, शीशम आदि के पौधे लगाए।

इसके बाद 15 से 20 फीट ऊंचे पेड़ के पौधे- बेल, कचनार, अलास, लसूड़ा, आंवला, सहजन, शहतूत आदि लगाए गए। इसके साथ ही झाड़ीनुमा पौधे लगाए गए, जिसमें हर श्रृंगार, खैर, कनैर, केसिया, वलूका अनार, गुडहल आदि के पौधे लगाए गए, सभी पौधों को एक निश्चित दूरी पर लगाया गया है।

लोगों ने खुद की नर्सरी बनाई

राजेश रंजन का कहना है कि सोसायटी और उसके आसपास पौधरोपण करने के लिए खुद ही नर्सरी तैयार की है। इस माह करीब 600 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। अगले साल करीब 12 सौ पौधे लगाने और उनका देखरेख करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए तैयारी अभी से ही शुरू कर दी गई है।


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