Delhi Meerut Expressway: अफसरों के समझाने पर माने किसान, एक्सप्रेस-वे पर फिर शुरू हुआ काम
Delhi Meerut Expressway किसानों के काम रोकने की सूचना पर एडीएम फाइनेंस और एसपी देहात भी मौके पर पहुंचे और किसानों की मान मनौवल की गई और आखिरकार किसान मान गए।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। Delhi Meerut Expressway: दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर दोबारा से काम शुरू हो गया है। अधिकारियों के समझाने पर किसान मान गए हैं। अधिकारियों ने किसानों का आश्वासन दिया है कि 18 जून को किसानों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक अधिकारियों के साथ कराएंगे। एनएचएआइ के अधिकारी इस बाबत एक रिपोर्ट भी तैयार करेंगे।
बता दें कि बृहस्पतिवार सुबह एक समान मुआवजे और सर्विस रोड समेत कई अन्य मांगों को लेकर पहुंचे किसानों ने दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर काम रुकवा दिया। किसान एक्सप्रेस-वे का काम रोकने की जिद कर रहे थे, लेकिन बातचीत के हल निकल गया है। इस बीच किसानों को समर्थन देने जा रहे भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर को पुलिस ने मुरादनगर में रोक लिया है।
किसानों के काम रोकने की सूचना पर एडीएम फाइनेंस और एसपी देहात भी मौके पर पहुंचे और किसानों की मान मनौवल की गई और आखिरकार किसान मान गए। इससे पहले भी कई बार किसान अपनी इन्हीं मांगों को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं। उनका कहना है कि बार-बार हमें आश्वासन मिलता है, हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।
इससे पहले सुबह से भोजपुर के मुरादाबाद गांव में किसानों के आंदोलन को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। किसानों ने दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर काम रोकने के लिए कूच करने से पहले मुरादाबाद गांव में पंचायत की थी।
भीम आर्मी के चीफ ने भी दिया था समर्थन
बताया जा रहा है कि 13 गांवों के किसान गाजियाबाद और मेरठ के सीमावर्ती गांव में पहले इकट्ठा हुए फिर सभी दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे जाम करने के लिए कूच किया। वहीं, यह भी पुख्ता जानकारी मिली है कि इस प्रदर्शन को भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर ने भी अपना समर्थन दिया है।
गौरतलब है कि एक समान मुआवजे के अलावा सर्विस रोड समेत कई मांगों को लेकर 13 गांवों के किसान लंबे समय से आंदोलन करते आ रहे हैं। किसानों ने पिछले दिनों महीनों तक आंदोलन किया था, बावजूद इसके सरकार और प्रशासन की ओर से कोई हल नहीं निकाया गया। यही वजह है कि अब किसानों ने दोबारा से एक्सप्रेस-वे का काम रोकने का निर्णय लिया है। ज्यादातर किसानों का कहना है कि हमें अन्न दाता कहा जाता है, लेकिन हमारे हालात पर कोई गौर नहीं कर रहा है, इसलिए हमें दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे जाम करने का फैसला लेना पड़ा।
इससे पहले भी 13 गांवों के किसान कई बार जिला प्रशासन को अपनी मांगों को लेकर विज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में मजबूरन दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे जाम करने का फैसला लेना पड़ा।