Ghaziabad News: क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, तीन गिरफ्तार
Ghaziabad News आरोपितों के खातों से पुलिस को लाखों की ट्रांजक्शन मिली है। पुलिस ने इनके पास से 12 मोबाइल फोन एक लैपटाप एक टेबलेट एक पासबुक चार डेबिट कार्ड चार आधार कार्ड सिम कार्ड पैन कार्ड आदि बरामद किया है।
जासं, गाजियाबाद : जिले की साइबर सेल ने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने, प्वाइंट रिडिम कराने व केवाइसी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह की दो युवतियों व एक किशोरी को गिरफ्तार किया है। गिरोह के अन्य ठग अभी फरार हैं। आरोपित काल सेंटर चलाकर ठगी का धंधा चला रहे थे। पिछले पांच साल से जगह बदल-बदलकर काल सेंटर चल रहे थे।
पांच साल में आरोपित पांच हजार से अधिक लोगों से पांच करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं। आरोपितों के खातों से पुलिस को लाखों की ट्रांजक्शन मिली है। पुलिस ने इनके पास से 12 मोबाइल फोन, एक लैपटाप, एक टेबलेट, एक पासबुक, चार डेबिट कार्ड, चार आधार कार्ड, सिम कार्ड, पैन कार्ड आदि बरामद किया है।
साइबर सेल की नोडल अधिकारी एवं सीओ सिटी प्रथम अंशु जैन व साइबर सेल प्रभारी सौरभ विक्रम सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों में इटावा के लालपुरा की ज्योति और नेहा हैं। हाल में दोनों नोएडा के सेक्टर पांच हरौला में रह रही थीं। इनके गिरोह में एक किशोरी भी है। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि ये करीब पांच हजार लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुकी हैं।
फर्जी सिम कार्ड पर चल रहा था धंधा
साइबर सेल प्रभारी सौरभ विक्रम सिंह ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि आकाश नाम का आरोपित बंगाल, असम व झारखंड से फर्जी आइडी पर एक्टिव सिम उपलब्ध कराता था। वहां से कोरियर से सिम कार्ड मंगाए जाते थे। इनका चार पांच दिन इस्तेमाल कर फेंक दिए जाते थे। काल करने को लोगों का डेटा भी आकाश ही उपलब्ध कराता था। आकाश व ज्योति का पति गजेंद्र अभी फरार है।
पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है। पूछताछ में यह भी पता चला है कि आरोपित 10 से 12 दिन एक जगह काल सेंटर चलाती थीं और बाद में ठिकाना बदल लेती थीं। ज्योति व नेहा बीए पास हैं। दोनों पूर्व में एक काल सेंटर में नौकरी करती थीं।
गिरोह की सरगना ज्योति ने बताया कि उसने काल सेंटर से ही बात करने का तरीका सीखा। इसके बाद उसने नौकरी छोड़कर पति गजेंद्र के साथ ठगी शुरू कर दी। काल करने के लिए नेहा व अन्य कई लड़कियों को आठ से 10 हजार रुपये वेतन पर रखा है। आरोपित एक दिन में 300 से 500 लोगों को फोन करते थे। इनमें से जो इनके जाल में फंसता था, उसे ठग लेते थे।