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मतांतरण खेल: सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद खुल रहे राज, कैसे प्रदेशों व जिलों में फैलाया गया था नेटवर्क

मतांतरण के खेल में गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ सनसनीखेज जानकारियां निकलकर सामने आ रही हैं। प्रदेशों व जिलों में मतांतरण कराने के लिए बाकायदा नेटवर्क फैलाया गया था। चेन बनाकर जिलों व प्रदेशों में सदस्यों की नियुक्ति की गई थी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 07 Jul 2021 01:13 PM (IST)Updated: Wed, 07 Jul 2021 01:13 PM (IST)
मतांतरण खेल: सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद खुल रहे राज, कैसे प्रदेशों व जिलों में फैलाया गया था नेटवर्क
कई सहयोगी इस नेटवर्क को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत रहते थे।

गाजियाबाद, आशुतोष गुप्ता। मतांतरण के खेल में गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ सनसनीखेज जानकारियां निकलकर सामने आ रही हैं। प्रदेशों व जिलों में मतांतरण कराने के लिए बाकायदा नेटवर्क फैलाया गया था। चेन बनाकर जिलों व प्रदेशों में सदस्यों की नियुक्ति की गई थी। यह सदस्य अपने-अपने क्षेत्र में मतांतरण के लिए लोगों को उकसाते थे और प्रचार करते थे। उमर गौतम इस नेटवर्क का सरगना है। इसके साथ ही उसके कई सहयोगी इस नेटवर्क को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत रहते थे।

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उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, मध्यप्रदेश, बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत हरियाणा के अधिकांश जिलों में इनके प्रतिनिधि काम कर रहे थे। एजेंसियां सभी नेटवर्क को तस्दीक करने में जुटी हुई हैं। बड़ी संख्या में पुलिस व एजेंसियों के अधिकारी मतांतरण की चेन से जुड़े सदस्यों को पकड़ने के लिए काम कर रहे हैं। जांच में लगातार एजेंसियों को उपलब्धि मिल रही है। आरोपितों का केंद्र दिल्ली था, यहीं से सभी प्रदेशों व जिलों में फंडिंग की जाती थी।

गाजियाबाद में सलीमुद्दीन के माध्यम से चल रहा था काम

जांच में आया है कि गाजियाबाद में सलीमुद्दीन के माध्यम से मतांतरण का खेल चल रहा था। जिले का सारा काम सलीमुद्दीन तो संभाल ही रहा था लेकिन उमर गौतम स्वयं भी गाजियाबाद में मतांतरण के खेल को लीड कर रहा था। उसके मदरसे की एजेंसियों को जानकारी तो मिली है लेकिन अभी तक यह मदरसा एजेंसियों की पकड़ में नहीं आया है। इस दिशा में अभी काम जारी है। सलीमुद्दीन से मिली जानकारियों के आधार पर ही एजेंसियां उमर गौतम व मोहम्मद जहांगीर तक पहुंची थीं और इसके बाद ही गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था।


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