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Kailash Mansarovar Bhawan: कम कामगारों के साथ कैलास मानसरोवर का निर्माण कार्य शुरू

Kailash Mansarovar Bhawan उत्तर प्रदेश निर्माण निर्माण के परियोजना प्रबंधन एसके त्यागी का कहना है कि राजस्थान बॉर्डर सील होने से फिलहाल काम धीमी गति से होगा।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 01:46 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 01:46 PM (IST)
Kailash Mansarovar Bhawan: कम कामगारों के साथ कैलास मानसरोवर का निर्माण कार्य शुरू

गाजियाबाद [आशीष गुप्ता]। Kailash Mansarovar Bhawan: कैलास मानसरोवर भवन का निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। राजस्थान से लौटे कुछ कामगारों के साथ स्थानीय कामगारों को लगाकर निर्माण कार्य कराया जा रहा है। उत्तर प्रदेश निर्माण निर्माण के परियोजना प्रबंधन एसके त्यागी का कहना है कि फिलहाल काम धीमी गति से होगा। क्योंकि बृहस्पतिवार को राजस्थान के बॉर्डर फिर से सील कर दिए गए हैं। वहां से लौटने वाले बाकी कामगार वहीं अटक गए हैं। यही नहीं धौलपुरी पत्थर भी नहीं आ पाएगा। जिससे निर्माण कार्य तेज गति नहीं पकड़ पाएगा।

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कैलास मानसरोवर भवन इंदिरापुरम के शक्तिखंड-चार में बन रहा है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है। धर्मार्थ विभाग इसका निर्माण उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम से करा रहा है। निगम अपनी निगरानी में ठेकेदार से इसे बनवा रहा है। पहले लॉकडाउन के कारण निर्माण कार्य रुका। लॉकडाउन में ढील मिली और निर्माण करने की इजाजत मिली तो ट्रेन और बस चलने पर कामगार अपने गांव लौट गए। इस प्राेजेक्ट में ज्यादातर कामगार राजस्थान के धौलपुर और बंसी पहाड़पुर इलाके के काम कर रहे थे। कुछ मजदूर मथुरा के थे। कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम ने मजदूरों को उनके गांव से वापस लाने के लिए ठेकेदार को निर्देश दिए थे। ठेकेदार के लोग गाड़ी लेकर कामगारों को वापस लाने के लिए उनके गांव पहुंचे।

उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक एसके त्यागी पहली खेप में राजस्थान के 40 कामगारों को वापस लाया गया है। उनके साथ स्थानीय कामगारों को लगाकर निर्माण शुरू कराया गया है। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को 121 कामगार काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि दूसरी खेप में राजस्थान के बाकी कामगारों को लाने का प्रयास किया जा रहा था। इतने में राजस्थान के बॉर्डर सील कर दिए गए। ऐसे में कामगार फिर से वहीं अटक गए हैं। धौलपुरी पत्थर भी नहीं आ पा रहा है। जिससे निर्माण कार्य पूरी गति नहीं पकड़ पाएगा।


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