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गाजियाबाद में नारंगी रंग की इलेक्ट्रिक एसी बसों के परिचालन के लिए बनेगी कंपनी

शहर में 31 सीट वाली 50 इलेक्ट्रिक एसी बसें ग्रॉस कॉस्ट कांट्रैक्ट (जीसीसी) मॉडल पर चलनी हैं। जिसका ठेका गुरुग्राम की कंपनी को दिया जा चुका है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 02:38 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 02:38 PM (IST)
गाजियाबाद में नारंगी रंग की इलेक्ट्रिक एसी बसों के परिचालन के लिए बनेगी कंपनी
गाजियाबाद में नारंगी रंग की इलेक्ट्रिक एसी बसों के परिचालन के लिए बनेगी कंपनी

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। शहर में इलेक्ट्रिक एसी बसों का परिचालन करने के लिए कंपनी बनाई जाएगी। बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन तैयार होने पर इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। नगरीय परिवहन निदेशालय ने यह निर्णय लिया है। कंपनी का नाम तय करने पर मंथन चल रहा है। इसकी जानकारी नगरीय परिवहन निदेशालय के संयुक्त निदेशक अजीत सिंह ने दी।

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उन्होंने बताया कि फिलहाल नगरीय परिवहन समिति इलेक्ट्रिक एसी बस की योजना की मॉनिटरिंग कर रही है। इस समिति में नगर आयुक्त दिनेश चंद्र अध्यक्ष है। जिलाधिकारी द्वारा नामित एडीएम, रोडवेज के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी और उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के सेवा प्रबंधक समिति में सदस्य हैं। यही बोंझा गांव में 20 हजार वर्ग मीटर भूमि पर बनने वाले बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन के निर्माण कार्य की गतिविधियों को लेकर मंथन कर रहे हैं। जब डिपो का काम पूरा हो जाएगा तो एक कंपनी बनाकर बस परिचालन की जिम्मेदारी उसे सौंपी जाएगी।

बेड़े में होंगी 50 बसें

शहर में 31 सीट वाली 50 इलेक्ट्रिक एसी बसें ग्रॉस कॉस्ट कांट्रैक्ट (जीसीसी) मॉडल पर चलनी हैं। जिसका ठेका गुरुग्राम की कंपनी को दिया जा चुका है। ये बसें नारंगी रंग की की होंगे। एक बार चार्जिंग पर इन बसों को 200 किलोमीटर दौड़ाया जा सकता है। इन बसों के परिचालन के लिए 12 रूट तय हैं, लेकिन शुरुआत छह रूटों से होगी। अगले साल मार्च बाद ही इनका परिचालन संभव है

बता दें कि अगले साल सड़कों पर दौड़ने वाली ये एसी बसें नरंगी रंग की होंगी। नगरीय परिवहन निदेशालय ने फेम इंडिया-2 के तहत गाजियाबाद समेत 14 शहरों के लिए बसों का ये रंग चुना है। एक मॉडल बस भी तैयार कराई है। इन बसों के साइड में संबंधित शहर की ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों का चित्रण किया जाएगा। ताकी बसें जिस रूट पर दौड़ें, उस शहर के इतिहास की झांकी दिखाती हुई जाएं। 

एसी बसें 31 सीटर होंगी। इनमें से एक कंडक्टर के लिए आरक्षित होगी। बाकी सीटों पर यात्री बैठेंगे। सामान्य बसों की तरह महिला और बुजुर्गों के लिए इसमें भी सीटें आरक्षित रहेंगी। ये बसें जीपीएस इनेबल्ड होंगी। ऐसे जीपीएस के जरिए निगरानी रखी जाएगी।


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