Ghaziabad News: जिला एमएमजी अस्पताल में शुरू हुआ बर्न वार्ड, आइसोलेशन वार्ड में भी भर्ती किए गए मरीज
Ghaziabad News वार्ड में खास तौर पर ईएनटी नेत्र रोग विशेषज्ञ और फिजिशियन 24 घंटे मरीजों का इलाज करेंगे। इसके अलावा कक्ष संख्या-34 के पास बने आइसोलेशन वार्ड में भी मरीजों को भर्ती करना शुरू कर दिया गया है।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। आग लगने की घटनाओं में इजाफा होते देख स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। जलने वाले लोगों के बेहतर इलाज के लिए जिला एमएमजी अस्पताल में बर्न वार्ड शुरू कर दिया गया है।
सोमवार को बर्न वार्ड में एक मरीज भर्ती किया गया है। साथ ही चिकित्सकों के अलावा स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई है और मरीजों को भर्ती करने के लिए फिलहाल 10 बेड आरक्षित कर दिए गए हैं।
सीएमएस डा. मनोज कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि वार्ड में खास तौर पर ईएनटी, नेत्र रोग विशेषज्ञ और फिजिशियन 24 घंटे मरीजों का इलाज करेंगे। इसके अलावा कक्ष संख्या-34 के पास बने आइसोलेशन वार्ड में भी मरीजों को भर्ती करना शुरू कर दिया गया है।
संयुक्त अस्पताल में गंदगी, लावारिश मरीजों की देखभाल नहीं
संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल में इन दिनों जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। इमरजेंसी, ओपीडी और वार्ड में साफ सफाई का इंतजाम नहीं है। कूड़ा उठाने एवं सफाई करने के नाम पर मनमानी हो रही है। भर्ती मरीजों की देखभाल के लिए तैनात स्टाफ रात को गायब रहता है। लावारिश मरीजों का इलाज तो दूर खानपान का इंतजाम ठीक नहीं है। विगत पांच दिन में परेशान होकर सात मरीज भाग चुके हैं। उधर सीएमएस डा. विनोद चंद पांडेय का कहना है कि चिकित्सकों की कमी के चलते देखभाल ठीक से नहीं हो रही है।
घर बैठे चिकित्सीय परामर्श लेने वालों की संख्या बढ़ी
ई-संजीवनी एप घर बैठे विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श लेने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ रही है। अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक जिले के 31,123 और वर्ष 2022-23 में अप्रैल और मई माह में 4,330 लोग ई- संजीवनी ओपीडी का लाभ उठा चुके हैं।
सीएमओ डा.भवतोष शंखधर ने बताया कि ई-संजीवनी ओपीडी के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में 107 उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर बैठे सीएचओ ई-संजीवनी एप पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य पर तैनात चिकित्सकों से मरीजों को परामर्श दिलाते हैं। इन केंद्रों पर गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग भी की जाती है। जरूरत पड़ने पर जिला चिकित्सालय और मेडिकल कालेज में बैठे विशेषज्ञों से भी परामर्श उपलब्ध कराते हैं।