Move to Jagran APP

सावधान : हजारों ऑटो मालिकों के लिए अहम खबर, ड्राइवर करेगा गलती तो आप जाएंगे जेल

गाजियाबाद में ऑटो से घटनाएं रोकने के लिए परिवहन विभाग से आंकड़े लेकर ऑटो का डाटाबेस बनाने का काम चल रहा है। अब जो भी ऑटो लूट में पकड़ा जाएगा उसका मालिक भी जेल जाएगा।

By Pooja SinghEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 11:44 AM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 12:46 PM (IST)
सावधान : हजारों ऑटो मालिकों के लिए अहम खबर, ड्राइवर करेगा गलती तो आप जाएंगे जेल
सावधान : हजारों ऑटो मालिकों के लिए अहम खबर, ड्राइवर करेगा गलती तो आप जाएंगे जेल

गाजियाबाद, जेएनएन। देश भर में देहात के मुकाबले शहरों में अधिक अपराध होते हैं। इसमें  ऑटो और कैब में बैठाकर लूटपाट, लिफ्ट देकर ठगने व लूटपाट करने, फ्लैटों में चोरी और साइबर क्राइम के अधिकांश मामले शहर में ही होते हैं। इसके अलावा चोरी की घटना खोलने में पुलिस को वह सफलता नहीं मिल रही है। एक साल से शहर की कमान संभाल रहे एसपी सिटी श्लोक कुमार से दैनिक जागरण के आयुष गंगवार ने शहर की कानून व्यवस्था समेत कई विषयों पर विस्तृत बातचीत की। पेश हैं बातचीत खास अंश:

loksabha election banner

1. त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है। बाजारों में भीड़भाड़ रहेगी और रामलीला व दशहरा में भी। फिर धनतेरस और दिवाली। ऐसी भीड़भाड़ का फायदा स्नैचर्स गिरोह के बदमाश खूब उठाते हैं। इनसे निपटने का क्या इंतजाम है?

- स्नैचर्स गिरोह को काबू करने के लिए स्थायी समाधान ढूंढ़ा है। एंटी स्नैचिंग टीम बनाई जा रही है जो पब्लिक के बीच रहकर पीक आवर्स में बदमाशों पर नजर रखेगी। हर थाने की एक टीम होगी। साहिबाबाद और इंदिरापुरम के क्षेत्र को देखते हुए यहां दो टीम बनेंगी। हर टीम में दो सिपाही होंगे। दोनों निजी बाइक से सादे कपड़ों में रहेंगे। बाइक पर पुलिस के स्टीकर से लेकर, डंडा, हूटर, जूते आदि किसी भी तरह से इनकी पहचान पुलिस के रूप में नहीं हो सकेगी। उन प्वाइंट्स को चिह्नित किया जा रहा है, जहां 2018 से 2019 में झपटमारी की ज्यादातर वारदात हुई हैं। एंटी स्नैचिंग टीम इन्हीं प्वाइंट्स पर आमजन के रूप में मौजूद रहेगी।

2. 24 सितंबर को नई साइबर सेल का उद्घाटन होने जा रहा है। इसमें क्या अपग्रेड किया गया है और इसके क्या लाभ होंगे?

अपग्रेडेड साइबर सेल घंटाघर कोतवाली परिसर में प्रथम तल पर बनाई गई है। इसमें सर्विलांस से जुड़े अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर लगाए गए हैं, जो कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पास ही होते हैं। इसमें इंस्पेक्टर के अलावा पांच कास्टेबल ही होते थे। मगर अब आठ सिपाही और मिलेंगे। इनकी मांग मुख्यालय को भेज दी गई है। जल्द ही सिपाही आवंटित कर दिए जाएंगे। साइबर सेल एसपी क्राइम को रिपोर्ट करती है। कोतवाली में शिफ्ट होने से मैं नियमित रूप से काम की मॉनिटरिंग करता रहूंगा। इस तरह अपग्रेडेड साइबर सेल की डबल मॉनिटरिंग होती रहेगी।

3. ऑटो और कैब में बैठाकर लूटने वाले 10 से अधिक गिरोह पकड़े जा चुके हैं, लेकिन वारदात नहीं रुक रहीं। नंबर व नेम प्लेट अंदर लगाने के साथ ढाई साल पुराने आटो को यूनिक नंबर देने की योजना भी पुलिस अपना रही है, लेकिन हर हफ्ते कोई न कोई घटना हो जाती है। इसे कैसे रोकेंगे?

ऑटो और कैब में लूटपाट करने वाला कोई संगठित गिरोह नहीं है। अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग बदमाश अपराध करते पाए गए हैं। यूनिक नंबर की योजना पर अभी विचार चल रहा है। ऑटो से घटनाएं रोकने के लिए परिवहन विभाग से आंकड़े लेकर ऑटो का डाटाबेस बनाने का काम चल रहा है। अब जो भी ऑटो लूट में पकड़ा जाएगा, उसका मालिक भी जेल जाएगा। अभी तक लोग ऑटो किराए पर देने की बात कह बच जाते थे, लेकिन अब उन्हें भी साजिश रचने का आरोपित बनाया जाएगा।

4. हडन सिविल टर्मिनल चालू होने वाला है। गाजियाबाद पुलिस को ही इसकी सुरक्षा सौंपी गई है, जिसके मुख्य सुरक्षा(सीएसओ) अधिकारी सीओ साहिबाबाद होंगे। अपने सर्किल के साथ टर्मिनल की सुरक्षा वह किस प्रकार करेंगे?

टर्मिनल की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। यहां चौकी बनाने की योजना पर काम चल रहा है। मुख्यालय से एक डीएसपी समेत 30-35 पुलिसकर्मियों की मांग की गई है। फिलहाल सीओ साहिबाबाद को टर्मिनल का सीएसओ को जिम्मेदारी दी गई है। टर्मिनल चालू होते ही फोर्स मिल जाएगी। टर्मिनल के अलावा विजयनगर में सिद्धार्थ विहार, सिहानी गेट में राजनगर एक्सटेंशन और इंदिरापुरम वसुंधरा चौकी पर भी काम चल रहा है। वसुंधरा में पहले से एक चौकी है। बड़े क्षेत्र को देखते हुए दूसरी भी बनाई जाएगी। इन चार चौकी के बनने के बाद शहर में अपराधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

एसपी सिटी श्लोक कुमार का परिचय

गाजियाबाद के एसपी सिटी श्लोक कुमार 2014 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। 30 साल के श्लोक कुमार मूल रूप से पटना शहर के निवासी हैं। 2010 में वेल्लोर, बीआइटी से इलेक्ट्रिकल एंड इंस्ट्रुमेंटेशन में बीटेक करने के बाद इंडियन आयल कॉरपोरेशन ने उनका कैंपस सिलेक्शन कर लिया। पिता सुधीर कुमार बिहार कैडर के आइएएस अधिकारी हैं और श्लोक भी मानते हैं कि यह इकलौता ऐसा माध्यम है, जो आपको सामाजिक सेवा के लिए वेतन देता है। इसीलिए विदेश में पढ़ाई के फैसले को छोड़ वह सिविल सर्विस की तैयारी में जुटे। दो बार प्रिलिम्स में निराशा मिली, लेकिन तीसरी बार में एक साथ सभी स्टेज पार कर 200 रैंक पाई। इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग के लिए जेवर में पहली पोस्टिंग और सीओ की ट्रेनिंग उन्होंने आगरा में पूरी की। शामली में एएसपी के रूप में रहे श्लोक कुमार 31 अगस्त 2018 से गाजियाबाद में तैनात हैं।

दिल्‍ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्‍लिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.