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कार्य की प्रगति की निगरानी के लिए समिति गठित

जागरण संवाददाता गाजियाबाद रीजनल और मास्टर प्लान को समय से तैयार कराने के लिए शासन गंभी

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 07:36 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 07:36 PM (IST)
कार्य की प्रगति की निगरानी के लिए समिति गठित
कार्य की प्रगति की निगरानी के लिए समिति गठित

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : रीजनल और मास्टर प्लान को समय से तैयार कराने के लिए शासन गंभीर है। पहली बार दोनों प्लान बनाने के कार्य की प्रगति की निगरानी करने के लिए समिति गठित की गई है। डेढ़ माह के अंतराल पर समिति समीक्षा बैठक करेगी, जिससे रुकावटों को समय रहते दूर किया जा सके। विभागों के बीच समन्वय स्थापित किया जा सके।

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एनसीआर प्लानिग बोर्ड द्वारा गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, हापुड़, बागपत, बुलंदशहर, शामली और मुजफ्फरनगर का रीजनल प्लान-2041 तैयार किया रहा है। इसे बनाने के लिए इन जिलों का प्रोफाइल व सेटलमेंट पैटर्न, आर्थिक गतिविधि, यातायात-परिवहन, ऊर्जा, पेयजल, सीवरेज, ठोस उपशिष्ट प्रबंधन, सिचाई एवं निकासी, टेलीकम्युनिकेशन, आवास, सामाजिक अवसंरचना, पर्यटन एवं विरासत, पर्यावरण, आपदा प्रबंधन, ग्रामीण विकास, क्षेत्रीय भू-उपयोग और प्रबंधन संरचना व संसाधन संग्रहण संबंधी डाटा विभिन्न विभागों द्वारा उत्तर प्रदेश एनसीआर प्लानिग सेल के माध्यम से एनसीआर बोर्ड को मुहैया कराया जा चुका है। इसे बनने में दो साल का वक्त लगेगा। इसके अलावा गाजियाबाद, मोदीनगर और लोनी का डिजिटल मास्टरप्लान-2031 बनाया जा रहा है। मोदीनगर का सर्वे हो चुका है। गाजियाबाद और लोनी का सर्वे चल रहा है। तीनों मास्टरप्लान के लिए सर्वे का भौतिक सत्यापन 31 अक्टूबर तक पूरा करना है। मोदीनगर का मास्टरप्लान दिसंबर 2020 तक बनाना है। गाजियाबाद और लोनी का मास्टरप्लान बनाने की डेडलाइन 31 मार्च 2021 तय है। समय से दोनों प्लान बनाने के लिए शासन ने आवास बंधु के अधिशासी निदेशक की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति बनाई है। जो रीजनल और मास्टर प्लान बनाने के कार्य की निगरानी करेगी। इसके अलावा प्लान बनने पर पहले यही समिति उसका परीक्षण करेगी। फिर उसे जीडीए बोर्ड में रखा जाएगा।

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पहले प्राधिकरण बोर्ड में रखने से पहले रीजनल और मास्टरप्लान का परीक्षण करने के लिए समिति बनाई जाती थी। पहली बार दोनों तरह के प्लान बनने के दौरान निगरानी रखने के लिए समिति बनाई गई है। उद्देश्य यही है कि समय से दोनों प्लान तैयार कर तेजी से विकास कराया जा सके।

- एससी गौड़, चीफ को-ऑर्डिनेटर प्लानर, उत्तर प्रदेश एनसीआर प्लानिग सेल


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