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लोन घोटाले के आरोपितों पर चलेगा मुकदमा

केनरा बैंक लोन घोटाले के आरोपितों पर मुकदमा चलेगा। विशेष न्यायाधीश राजेश चौधरी की अदालत ने सीबीआइ की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए मंगलवार को यह आदेश दिया। इसके साथ ही आरोपितों के खिलाफ समन जारी कर दिए गए हैं। अब सुनवाई को अगली तारीख 17 सितंबर नियत की गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 07:29 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 07:29 PM (IST)
लोन घोटाले के आरोपितों पर चलेगा मुकदमा

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : केनरा बैंक लोन घोटाले के आरोपितों पर मुकदमा चलेगा। विशेष न्यायाधीश राजेश चौधरी की अदालत ने सीबीआइ की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए मंगलवार को यह आदेश दिया। इसके साथ ही आरोपितों के खिलाफ समन जारी कर दिए गए हैं। अब सुनवाई को अगली तारीख 17 सितंबर नियत की गई है।

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लोक अभियोजक ने बताया कि केनरा बैंक की गाजियाबाद स्थित मालीवाड़ा व दिल्ली स्थित विवेक विहार शाखा से जुड़ा यह घोटाला वर्ष 2009 का है। आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर मैसर्स सुप्रीम सेरेमिक्स लिमिटेड को करीब 12.63 करोड़ रुपये का लोन स्वीकृत किया गया, जबकि यह फर्म पूर्व में कई बैंक से लोन ले चुकी थी और किस्त अदा नहीं कर रही थी। उसके बावजूद साजिश के तहत बिना जांच-पड़ताल किए घोटाले को अंजाम दिया गया। आरोप क्रेडिट लिमिट बढ़ाने का भी है। मामले में केनरा बैंक तत्कालीन डीजीएम अशोक कुमार अग्रवाल की शिकायत पर सीबीआइ ने वर्ष 2012 में तत्कालीन डीजीएम चमन रावल, तत्कालीन एजीएम एसके राजदान, पूर्व मुख्य प्रबंधक मालीवाड़ा शाखा वाइपी महाजन, पूर्व मुख्य प्रबंधक विवेक विहार शाखा पी. अर¨वदन, क्रेडिट मैनेजर एसके रुंगटा व बी. रवि, मैसर्स सुप्रीम सेरेमिक्स लिमिटेड के तत्कालीन डायरेक्टर आशीष टपारिया, शरद लोहाटी, ऋषि टपारिया, सतपाल यादव, रतन यादव, विकास जोशी व फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। जांच के बाद सीबीआइ ने मामले में क्लोजर रिपोर्ट पेश की, जिसे अदालत ने खारिज करते हुए मुकदमा चलाने व आरोपितों के समन जारी करने के आदेश दिए। एक आरोपित एसके रुंगटा की मौत हो चुकी है। लोक अभियोजक ने बताया कि इससे पहले भी अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर मुकदमा चलाने के आदेश दिए थे लेकिन इसके विरोध में बचाव पक्ष हाईकोर्ट चला गया था। हाईकोर्ट ने मामले को फिर से सुनकर निर्णय सुनाने के आदेश निचली अदालत को दिए थे। हाईकोर्ट के इसी आदेश के क्रम में सुनवाई के बाद फैसला लिया।


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