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एमएसएमई की तरह बिल्डरों को चाहिए सरकार से आर्थिक पैकेज

एमएसएमई की तरह रियल एस्टेट सेक्टर को केंद्र सरकार से आर्थिक पैकेज की जरूरत है। क्रेडाई नेशनल ने इस बारे में प्रधानमंत्री को पत्र भेजा है। यह सुझाव भी दिया है कि होम लोन की ब्याज दर को घटाकर पांच प्रतिशत तक किया जाए। जिससे फ्लैट खरीदार आएं। वन टाइम रीस्ट्रक्चरिग (ओटीआर) नीति के तहत प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए अतिरिक्त लोन की मांग की है। इस मांग को बल देने के लिए क्रेडाई की गाजियाबाद इकाई ने हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 08:55 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 08:55 PM (IST)
एमएसएमई की तरह बिल्डरों को चाहिए सरकार से आर्थिक पैकेज
एमएसएमई की तरह बिल्डरों को चाहिए सरकार से आर्थिक पैकेज

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : एमएसएमई की तरह रियल एस्टेट सेक्टर को केंद्र सरकार से आर्थिक पैकेज की जरूरत है। क्रेडाई नेशनल ने इस बारे में प्रधानमंत्री को पत्र भेजा है। यह सुझाव भी दिया है कि होम लोन की ब्याज दर को घटाकर पांच प्रतिशत तक किया जाए। जिससे फ्लैट खरीदार आएं। वन टाइम रीस्ट्रक्चरिग (ओटीआर) नीति के तहत प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए अतिरिक्त लोन की मांग की है। इस मांग को बल देने के लिए क्रेडाई की गाजियाबाद इकाई ने हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है।

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क्रेडाई पदाधिकारियों ने बताया कि आरबीआइ की एडवाइजरी पर बैंक मोरोटोरियम दे रहे हैं। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को लाभ नहीं होने वाला। केंद्र सरकार को ओटीआर की पहल करनी चाहिए। ताकि बैंक बिल्डरों के एक ही प्रोजेक्ट के लिए मौजूदा लोन के साथ उन्हें अतिरिक्त लोन दे सकें। उन्होंने बताया कि वर्ष 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट में ओटीआर की व्यवस्था की गई थी। तब इससे सैकड़ों उद्योग और लाखों नौकरियां बची थीं। इस बार इसकी व्यवस्था रियल एस्टेट सेक्टर के लिए की जाए। दंड ब्याज माफ करने की भी मांग की गई है। पूर्व में घोषित किए गए स्ट्रेस फंड को दिलाने का आग्रह किया गया है। स्वामिह (स्पेशल विडो फॉर एफोर्डेबल एंड मिड-इनकम हाउसिग) फंड की तर्ज पर विशेष फंडिग की व्यवस्था करने की मांग की गई है। ग्राहकों के लिए भी क्रेडाई ने होम लोन की ब्याज दर कम करने की मांग की है। उनका कहना है कि मौजूदा वक्त को देखते हुए होम लोन की दर पांच प्रतिशत वार्षिक फिक्स करना चाहिए।

रियल एस्टेट सेक्टर को जीवित रखने के लिए सरकार की तरफ से कई तरह की बूटियों की जरूरत है। उसके लिए क्रेडाई नेशनल की तरफ से प्रधानमंत्री को पत्र भेजा गया है। उसके समर्थन में शहर में बिल्डरों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है।

- विपुल गिरी, सचिव, क्रेडाई गाजियाबाद


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