विधवा महिला की हत्या में भाई-बहन को उम्रकैद
एडीजे-4 कोर्ट के जज विवेकानंद विश्वकर्मा ने विधवा निसंतान महिला की हत्या करने वाले भतीजे की पत्नी व साले को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर 60-60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। भतीजे की मुकदमें की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है जबकि साक्ष्य के अभाव में तीसरे अभियुक्त को बरी कर दिया।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : एडीजे-4 कोर्ट के जज विवेकानंद विश्वकर्मा ने विधवा नि:संतान महिला की हत्या करने वाले भतीजे की पत्नी व साले को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर 60-60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। भतीजे की मुकदमें की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि साक्ष्य के अभाव में तीसरे अभियुक्त को बरी कर दिया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता बिरेश त्यागी ने बताया कि थाना मुरादनगर क्षेत्र के खलीलाबाद गांव में रहने वाली शशि के कोई संतान नहीं थी। वह 26 फरवरी 2018 को गायब हो गई। शशि के पूर्व पति की बेटी पुष्पा ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी। इसके बाद शशि का शव मुरादनगर स्थित नहर से पुलिस ने बरामद किया। इस मामले की जांच के बाद पता चला कि शशि की संपत्ति को उसके भतीजे सोहनवीर से विवाद चल रहा था। पुलिस ने मामले की जांच की और सोहनवीर से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान सोहनवीर ने स्वीकार किया कि उसने अपनी पत्नी भीमा और साले मोनिदर और अन्य रविद्र के साथ मिलकर शशि की हत्या करके शव को नहर में फेंक दिया था।