जेसीबी के आगे लेटकर प्रदर्शन, बैरंग लौटी टीम
अर्थला झील की जमीन पर बने मकानों के खिलाफ कार्रवाई करने बृहस्पतिवार को भी नगर निगम व प्रशासन की टीम पहुंची। टीम का लोगों ने जबरदस्त विरोध किया। लोग जेसीबी के सामने खड़े होकर प्रदर्शन करने लगे। एक महिला जेसीबी के सामने लेट गई। लोगों के विरोध को देखते हुए टीम बैरंग लौट गई।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : अर्थला झील की जमीन पर बने मकानों के खिलाफ कार्रवाई करने नगर निगम व प्रशासन की टीम बृहस्पतिवार को भी पहुंची। टीम का लोगों ने जबरदस्त विरोध किया। लोग जेसीबी के सामने खड़े होकर प्रदर्शन करने लगे। एक महिला जेसीबी के सामने लेट गई। लोगों के विरोध को देखते हुए टीम बैरंग लौट गई।
बृहस्पतिवार शाम करीब चार बजे नगर निगम और प्रशासन की टीम जेसीबी के साथ अर्थला झील के पास पहुंची। जेसीबी को देखते ही बालाजी विहार, न्यू चित्रकूट कॉलोनी में सूचना फैल गई कि घर तोड़ने टीम आ गई है। इस पर भारी संख्या में लोग झील के पास एकत्र हो गए। लोग प्रशासन व नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। देखते-देखते लोग जेसीबी के सामने खड़े होकर प्रदर्शन करने लगे। इस बीच एक महिला भीड़ में से निकलकर जेसीबी के सामने लेट गई। मौके पर मौजूद पुलिस बल व अन्य लोगों ने उसे समझा बुझाकर हटाया। लोगों ने किसी भी कीमत पर कार्रवाई नहीं होने देने का एलान कर दिया। लोगों की भीड़ को देखते हुए टीम बिना कार्रवाई किए वापस लौट आई। नगर निगम के मोहन नगर जोनल प्रभारी एसके गौतम ने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है। लोगों के भारी विरोध की वजह से लौटना पड़ा। वहीं, तहसीलदार प्रवर्धन शर्मा ने बताया कि टीम स्थिति भांपने गई थी लेकिन लोगों के भारी विरोध देखते हुए लौट आई।
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अपना पक्ष रखेंगे लोग : मामले की शुक्रवार को एनजीटी में सुनवाई है। जिला प्रशासन को अपना पक्ष रखना है। वहीं, यहां बने मकानों में रहने वाले लोग भी अधिवक्ता से बात कर चुके हैं। वह भी अपना पक्ष रखेंगे। वहीं, उच्च न्यायालय इलाहाबाद में भी वाद दायर करेंगे।
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कार्रवाई या दिखावा, उठ रहे सवाल : एनजीटी के आदेश पर यहां कार्रवाई की जा रही है। इसका लगातार विरोध हो रहा है। रविवार को पुरूष, महिलाओं व बच्चों ने झील के पानी में उतर कर प्रदर्शन किया था। बुधवार को प्रशासन व नगर निगम की टीम अर्धसैनिक बल, कई थानों की पुलिस के साथ यहां कार्रवाई करने पहुंची थी लेकिन विरोध के कारण 15 मकानों व चार प्लॉटों की चारदीवारी को तोड़ने के बाद लौटना पड़ा था। बृहस्पतिवार को यहां कार्रवाई करने पहुंची टीम के साथ करीब आधा दर्जन ही पुलिस कर्मी थे, इससे सवाल खड़ा हो रहा है कि अधिकारियों को लोगों के विरोध का भय नहीं था, जो बिना किसी तैयारी के कार्रवाई करने पहुंच गए। लोगों में चर्चा है कि टीम सिर्फ खानापूरी करने के लिए गई थी।