पट्टे निरस्त, अब 600 बीघा जमीन कब्जामुक्त कराएगा तहसील प्रशासन
सरकार में निहित हुई 600 बीघा जमीनसरकार में निहित हुई 600 बीघा जमीनसरकार में निहित हुई 600 बीघा जमीनसरकार में निहित हुई 600 बीघा जमीनसरकार में निहित हुई 600 बीघा जमीनसरकार में निहित हुई 600 बीघा जमीनसरकार में निहित हुई 600 बीघा जमीनसरकार में निहित हुई 600 बीघा जमीनसरकार में निहित हुई 600 बीघा जमीन
जागरण संवाददाता, मोदीनगर : सैदपुर-हुसैनपुर-डीलना गांव में करीब ढाई दशक पहले 45 ग्रामीणों को आवंटित करीब 600 बीघा जमीन के पट्टों को एसडीएम न्यायालय ने निरस्त करके उस जमीन को राज्य सरकार में निहित कर दिया है। एसडीएम न्यायालय में यह वाद पिछले नौ साल से विचाराधीन था। तहसील प्रशासन जल्द ही जमीन को कब्जामुक्त कराएगा।
सैदपुर-हुसैनपुर-डीलना गांव में 1991 में 45 ग्रामीणों को करीब 600 बीघा सरकारी जमीन में पट्टे आवंटित कराने के लिए तत्कालीन ग्राम प्रधान ने तहसील प्रशासन को प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए तहसील प्रशासन ने सभी 45 ग्रामीणों को पट्टे आवंटित करने की स्वीकृति दे दी। कुछ ग्रामीणों की शिकायत पर 2006 में इन पट्टों को निर्धारित समयावधि के लिए आवंटित किए जाने को आधार बनाते हुए निरस्त कर दिया गया। इसके खिलाफ पट्टाधारियों ने मेरठ कमिश्नरी में सुनवाई के लिए वाद दायर किया। जहां से तहसील प्रशासन को दोबारा सुनने का आदेश दिया गया। लेकिन इसी बीच पट्टाधारी हाइकोर्ट चले गए। जहां कोर्ट ने मामले को गुण दोष के आधार पर तहसील प्रशासन को तय करने के आदेश दिए। 2009 से यह प्रकरण एसडीएम कोर्ट में विचाराधीन चल रहा था। हाल में एसडीएम न्यायालय ने इन सभी पट्टाधारियों को गलत तरीके से पट्टे आवंटित किए जाने की पुष्टि करते हुए पूरी जमीन को सरकार में निहित करने का आदेश पारित किया है। एसडीएम पवन अग्रवाल ने बताया कि जमीन को जल्द ही कब्जामुक्त भी कराया जाएगा। जमीन की कीमत करोड़ों में है।