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13 झोलाछाप चिकित्सकों पर रिपोर्ट दर्ज

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने अभियान शुरू किया है। एक सप्ताह पूर्व औचक निरीक्षण में रजिस्ट्रेशन व डिग्री संबंधित कोई दस्तावेज न दिखाने पर नोटिस देने के बावजूद कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पाए, उन 13 झोलाछाप के खिलाफ विभाग ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 07:15 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 07:15 PM (IST)
13 झोलाछाप चिकित्सकों पर रिपोर्ट दर्ज
13 झोलाछाप चिकित्सकों पर रिपोर्ट दर्ज

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने अभियान शुरू किया है। एक सप्ताह पूर्व औचक निरीक्षण में रजिस्ट्रेशन व डिग्री संबंधित कोई दस्तावेज न दिखाने पर नोटिस देने के बावजूद कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पाए, उन 13 झोलाछाप के खिलाफ विभाग ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।

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हाल ही में खोड़ा में एक झोलाछाप चिकित्सक के इलाज से एक बच्चे की जान चली गई थी। स्वास्थ्य विभाग की माने तो इस वर्ष जून 2018 तक 50 से अधिक झोलाछाप चिकित्सकों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। खोड़ा में हुई बच्चे की मौत के बाद से स्वास्थ्य विभाग ओर अधिक सजग हो गया है। अलग-अलग क्षेत्रों में हुई छापेमारी में 13 चिकित्सकों पर बिना डिग्री या प्रमाण पत्र लिए इलाज करने पर कार्रवाई की गई है। प्राइवेट चिकित्सक वेलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष बीके शर्मा हनुमान का कहना है कि विभाग एक महीने में कम से 50 लोगों को नोटिस देता है, लेकिन कार्रवाई सिर्फ दो चार तक सिमट जाती है। इस बात की जांच होनी चाहिए कि उन सभी लोगों के खिलाफ विभाग रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज कराता है जिन्हें नोटिस दी गई थी।

इन झोलाछाप पर हुई कार्रवाई

खोड़ा क्षेत्र में आरपी ¨सह, मनीष कुमार, अजब ¨सह, रमेश, एसके विश्वास। मसूरी में छापेमारी के दौरान हाजी अकरम पर एफआईआर दर्ज की गई। वहीं भोजपुर में अब्दुला, गुलबीर ¨सह, प्रेम ¨सह, अजय कुमार शमर, ऋषि कुमार शमर, उमान मोहम्मद और साजिद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। क्लीनिकों पर मरीजों का इलाज कर रहे तथाकथित डाक्टरों की डिग्री व रजिस्ट्रेशन की जांच की गई थी। जिनके दस्तावेज सही नहीं थे, उनसे तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया था, लेकिन किसी भी चिकित्सक ने डिग्री या कोई प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया, इन सभी नियमों के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है।

डा. मुंशीलाल, नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं उपमुख्य चिकित्साधिकारी


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