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फर्जी शस्त्र लाइसेंस के साथ विद्युत विभाग का जेई गिरफ्तार

शाहजहांपुर के पते पर व्यापारी छात्र व प्रॉपर्टी डीलरों के साथ सरकारी अधिकारियों ने भी फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवा रखे हैं। इसका पर्दाफाश मंगलवार को हुआ जब कविनगर थाना पुलिस ने विद्युत विभाग के अवर अभियंता को इस आरोप में फर्जी शस्त्र लाइसेंस व असलाह के साथ गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक इस फर्जीवाड़े में कई राजनेता भी शामिल हैं जिनके नाम जल्द सामने आएंगे। बता दें कि बीते माह ही कविनगर थाना पुलिस ने इस गिरोह का भंडाफोड़ किया था।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 17 Sep 2019 06:46 PM (IST)
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फर्जी शस्त्र लाइसेंस के साथ विद्युत विभाग का जेई गिरफ्तार

जासं, गाजियाबाद : शाहजहांपुर के पते पर व्यापारी, छात्र व प्रॉपर्टी डीलरों के साथ सरकारी अधिकारियों ने भी फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवा रखे हैं। इसका पर्दाफाश मंगलवार को हुआ, जब कविनगर थाना पुलिस ने विद्युत विभाग के अवर अभियंता को इस आरोप में फर्जी शस्त्र लाइसेंस व असलहा के साथ गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक इस फर्जीवाड़े में कई राजनेता भी शामिल हैं, जिनके नाम जल्द सामने आएंगे। बता दें कि बीते माह ही कविनगर थाना पुलिस ने इस गिरोह का भंडाफोड़ किया था।

सीओ सिटी द्वितीय आतिश कुमार सिंह ने बताया कि फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाने के मामले में कविनगर पुलिस अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों से जानकारी मिली थी कि सरकारी विभागों के लोगों ने भी फर्जी लाइसेंस बनवाए हैं। जांच के आधार पर इंदिरापुरम के शक्तिखंड द्वितीय निवासी दीपेश कुमार सक्सेना को गिरफ्तार किया गया है। विद्युत विभाग में जेई दीपेश मूल रूप से बरेली के इज्जतनगर थानाक्षेत्र में डेलापीर का मूल निवासी है। डासना में तैनात दीपेश ने पुलिस पूछताछ में बताया कि विजयनगर निवासी संजय गर्ग के माध्यम से छह माह पूर्व ही यह लाइसेंस बनवाया था, जिसके लिए दो लाख रुपये लिए गए थे। दीपेश के मुताबिक इसी रकम में लाइसेंस के साथ असलहा भी दिया गया था।

कविनगर थाना प्रभारी अनिल कुमार शाही का कहना है जेई से 12 बोर की छोटी बंदूक (रिपीटर) बरामद हुई है, जिससे एक बार में पाच राउंड फायरिग की जा सकती है। पुलिस के मुताबिक बाजार में इसकी कीमत 70-80 हजार रुपये है। पुलिस के मुताबिक दीपेश ने दो लाख से अधिक रुपये देकर लाइसेंस बनवाया था। सुरक्षा के लिए चाहिए था शस्त्र

जेई से शस्त्र लाइसेंस की जरूरत के बारे में पूछा गया तो उसने सुरक्षा कारण बताए। हालांकि किसी रंजिश से इन्कार किया। कविनगर एसएचओ के मुताबिक जेई ने गाजियाबाद से लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिन जरूरी नहीं पाए जाने पर उसका आवेदन निरस्त कर दिया गया था। इसी दौरान उसकी मुलाकात संजय से हुई और असली के चक्कर में फर्जी लाइसेंस बनवा लिया।

इस तरह किया गया था फर्जीवाड़ा

कविनगर थाना पुलिस ने 13 अगस्त को गिरोह का भंडाफोड़ कर गन हाउस मालिक समेत पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया था। 17 अगस्त को चार और 18 अगस्त को दो अन्य आरोपित पकड़े गए। शाहजहांपुर में शस्त्र लाइसेंस का रिकॉर्ड रखने वाला 2007 का रजिस्टर खो गया था। वहां के गन हाउस मालिक ने इसका फायदा उठाते हुए उसी साल के फर्जी लाइसेंस लोगों को जारी करने शुरू कर दिए थे। हर व्यक्ति को शाहजहांपुर के शेरा मऊ का निवासी दिखाकर लाइसेंस बनाया गया और 2015 में यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर भी दिया गया। गाजियाबाद रहने वाले कुछ लोगों ने अपना लाइसेंस ट्रांसफर कराने को आवेदन किया था। यहां एक यूआइडी नंबर का मिलान नहीं हुआ, जिसके बाद फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। एसपी सिटी ने बताया कि करीब 13 लोग और ट्रेस किए गए हैं। इनमें शाहजहांपुर कलेक्ट्रेट में तैनात रहे दो संविदाकर्मियों पर भी पुलिस की नजर है।